महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में हुई
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति की दूसरी बैठक 19 दिसम्बर को नई दिल्ली में हुई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बैठक की अध्यक्षता की. भारत की यात्रा पर आये पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने भी इस बैठक में भाग लिया.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह की संयोजन समिति: एक दृष्टि
- सरकार राष्ट्रपिता के संदेश को प्रचारित करने के लिए उनकी 150वीं जयंती राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मना रही है. इस कार्य के लिए राष्ट्रपति की अध्यक्षता में राष्ट्रीय समति गठित की गई है. समिति के अन्य सदस्यों में उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, गांधीवादी चिंतक और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल हैं. इस समिति में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान-की-मून समेत नौ अन्तर्राष्ट्रीय सदस्य भी हैं.
- मई 2018 में हुई समिति की पहली बैठक में गांधीजी की 150वीं जयंती के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था. श्री मोदी ने समारोह को सरकारी आयोजनों से आगे ले जाकर एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया था.
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश के 150 प्रमुख विश्वविद्यालय 150 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर गांधी जी पर सम्मेलनों का आयोजन करेंगे.
भारत और अमरीका के बीच मंत्री स्तरीय दूसरा टू-प्लस-टू वार्ता वाशिंग्टन में आयोजित की गयी
भारत और अमरीका के बीच मंत्री स्तरीय दूसरी टू-प्लस-टू वार्ता वाशिंग्टन में 18 दिसम्बर को आयोजित की गयी. विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस वार्ता बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया. अमरीका की ओर से वहां के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इस बातचीत में प्रतिनिधित्व किया.इस वार्ता में दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया. दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग और रक्षा व्यापार और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं. जापान जैसे समान विचार वाले देशों के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र को शांतिमय बनाने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तालमेल बढ़ाने पर भी दो देश सहमत हुए.वार्ता में दोनों देशों ने आपसी संबंधों को 2020 में नये स्तर तक पहुंचाने की रूपरेखा तय की. दोनों पक्षों ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच संपर्क मजबूत करने, औद्योगिक सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान, जल तथा लोगों के बीच संबंध बढ़ाने के अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष, रक्षा और औद्योगिक सहयोग के नये समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता: एक दृष्टि- भारत-अमरीका टू-प्लस-टू वार्ता में दोनों देशों के दो-दो मंत्री (विदेश और रक्षा) और उनके प्रतिनिधिमंडल का वार्ता बैठक आयोजित किया जाता है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की स्वीकृति के बाद पहली टू-प्लस-टू वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली में हुई थी. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच विदेश नीति और रक्षा के क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई थी.
- यह वार्ता बैठक दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर का संस्थागत तंत्र है जो विदेश नीति, रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर दोनों के विचारों को एक साथ लाता है.
बोलिविया को पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरेल्स की गिरफ्तारी के आदेश जारी किये गये
बोलिविया के अंतरिम सरकार ने देश के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरेल्स की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. ला पाज में पुलिस ने 60 वर्षीय इवो मोरेल्स को हिरासत में लेने और उन्हें अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ले जाने के आदेश 18 दिसम्बर को दिए गए.इवो मोरेल्स ने दक्षिणी अमरीकी देश बोलिविया पर लगभग 14 वर्षों तक शासन किया था. 20 अक्टूबर 2019 को संपन्न हुए बोलिविया चुनाव में हुई धांधली के बाद वे फिर से चुने गए थे. उनके विवादित चुनाव के बाद देश में व्यापक विरोध हुआ जिससे वे इस्तीफा देकर अर्जेटीना चले गए थे. उन्होंने गिरफ्तारी के आदेश को गैर कानूनी, अनुचित और असंवैधानिक बताया है.GST परिषद की 38वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गयी
वस्तु और सेवा कर (GST) परिषद की 38वीं बैठक 18 दिसम्बर को नई दिल्ली में हुई. वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए कराधान संरचना की समीक्षा की गयी. बैठक से पहले केन्द्र ने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए GST हर्जाने के रूप में 35 हजार 298 करोड़ रुपये जारी किए थे.इस बैठक में GST परिषद ने सरकारी और निजी लॉटरी पर 28 प्रतिशत कर की समान दर तय की है. पहली बार GST परिषद को सरकारी तथा निजी लॉटरियों पर समान दर रखने के मुद्दे पर वोट से फैसला करना पड़ा. इससे पहले परिषद की 37 बैठकों के फैसले सर्वसम्मति से लिए गए थे.साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019: नंद किशोर आचार्य की रचना छीलते हुए अपने को पुरस्कृत किया जाएगा
साहित्य अकादमी ने वर्ष 2019 के लिए 23 भाषाओं में पुरस्कारों की घोषणा 18 दिसम्बर को की. घोषणा के तहत प्रख्यात हिंदी रचनाकार नंद किशोर आचार्य को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उन्हें उनकी काव्य रचना ‘छीलते हुए अपने’ को पुरस्कृत किया जाएगा.अंग्रेजी में डॉक्टर शशि तरूर को ‘एन ऐरा ऑफ डार्कनेस’, संस्कृत में पेन्ना मधुसूदन को ‘प्रज्ञाचक्षुम’ और उर्दू में शाफे किद्दवई को ‘जीवनी सवानेहे सर सयैद : एक बाज़दीद’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.19 दिसंबर: गोवा मुक्ति दिवस
प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा अपना मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाता है. भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. इस उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष इस दिन गोवा में मुक्ति दिवस मनाया जाता है.भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 1987 में गोवा को दमन व दिउ से अलग करके एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.गोवा स्थापना दिवसप्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1987 में इसी दिन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.
गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य- गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
- गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया.
- इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
- 1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
- आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
- भारतीय सेना ने 2 दिसंबर को ‘गोवा मुक्ति’ अभियान शुरू कर दिया. वायु सेना ने 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की.
- इस तरह 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
- गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
- वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
- बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.