गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड ने 29 अप्रैल को भारतीय नौसेना के लिए आठ एंटी सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASWSWC) बनाने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। इन 8 सबमरीन क्राफ्ट की कीमत करीब 6,311 करोड़ रुपये है।
अनुबंध पर हस्ताक्षर की तारीख से 42 महीने के अंदर पहला सबमरीन क्राफ्ट भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा।
इसके बाद में हर साल दो एंटी सबमरीन क्राफ्ट दिए जाएंगे।
अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तारीख से परियोजना का पूरा होने का समय 84 महीने (7 साल) का है।
वर्तमान में प्रोजेक्ट 17 ए के तहत तीन स्टील्थ फ्रिगेट बनाने के लिए प्रमुख परियोजनाओं की जिम्मेदारी भी कोलकाता स्थित जीआरएसई को ही सौंपी गई है।
प्रोजेक्ट 17 ए-क्लास फ्रिगेट भारतीय नौसेना के लिए प्रोजेक्ट 17 शिवालिक-क्लास फ्रिगेट का फॉलो-ऑन है।
मझगांव डॉक और जीआरएसई में कुल सात जहाज बनाए जाएंगे। पहले जहाज का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और पहले जहाज के 2022 तक पहुंचने की उम्मीद है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह कोलकाता में स्थित है। यह भारतीय नौसेना के पोतों से लेकर व्यापारिक जलपोतों तक का निर्माण एवं मरम्मत करते हैं।