1. हाल ही में किस देश में 220 मिलियन वर्ष पुराने डायनासोर जीवाश्म प्राप्त हुए हैं?
उत्तर – अर्जेंटीना
पश्चिमी अर्जेंटीना में 220 मिलियन वर्ष पुराने डायनासोर के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इसमें 10 अलग-अलग जीवाश्म प्राप्त हुए हैं। इसकी खोज सर्वप्रथम सितम्बर, 2018 में सैन जुआन प्रांत में की गयी थी, यह राजधानी बूएनोस एरेस से लगभग 1,100 किलोमीटर दूर है।
पश्चिमी अर्जेंटीना में 220 मिलियन वर्ष पुराने डायनासोर के जीवाश्म प्राप्त हुए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार इसमें 10 अलग-अलग जीवाश्म प्राप्त हुए हैं। इसकी खोज सर्वप्रथम सितम्बर, 2018 में सैन जुआन प्रांत में की गयी थी, यह राजधानी बूएनोस एरेस से लगभग 1,100 किलोमीटर दूर है।
2. दक्षिण अफ्रीका में नया भारतीय उच्चायुक्त किसे नियुक्त किया गया है?
उत्तर – जयदीप सरकार
1987 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी जयदीप सरकार को दक्षिण अफ्रीका में भारत का नया उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में भूटान में भारत के एम्बेसडर के रूप में कार्यरत्त हैं। वे शीघ्र ही अपना नया कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले वे टोक्यो, सीओल तथा बांग्लादेश में कार्य कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने सुहेल एजाज़ खान को लेबनान में भारतीय एम्बेसडर नियुक्त किया है।
1987 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी जयदीप सरकार को दक्षिण अफ्रीका में भारत का नया उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में भूटान में भारत के एम्बेसडर के रूप में कार्यरत्त हैं। वे शीघ्र ही अपना नया कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले वे टोक्यो, सीओल तथा बांग्लादेश में कार्य कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने सुहेल एजाज़ खान को लेबनान में भारतीय एम्बेसडर नियुक्त किया है।
3. जलियांवाला बाग़ हत्याकांड पर आधारित कविता “खूनी वैसाखी” के लेखक कौन हैं?
उत्तर – नानक सिंह
“खूनी वैसाखी” को क्रांतिकारी कवि तथा उपन्यासकार नानक सिंह ने लिखा था, गौरतलब है कि नानक सिंह 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग़ में मौजूद थे। नानक सिंह के पोते तथा संयुक्त अरब अमीरात में भारत के एम्बेसडर नवदीप सिंह सूरी ने इस कविता का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इस वर्ष जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के 100 वर्ष पूरे हुए हैं।
“खूनी वैसाखी” को क्रांतिकारी कवि तथा उपन्यासकार नानक सिंह ने लिखा था, गौरतलब है कि नानक सिंह 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग़ में मौजूद थे। नानक सिंह के पोते तथा संयुक्त अरब अमीरात में भारत के एम्बेसडर नवदीप सिंह सूरी ने इस कविता का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इस वर्ष जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के 100 वर्ष पूरे हुए हैं।
4. हाल ही में माली के प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया, माली किस महाद्वीप में स्थित है?
उत्तर – अफ्रीका
माली के प्रधानमंत्री सौमेय्लोऊ बौबेये मैगा ने कैबिनेट समेत अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माली के राष्ट्रपति इब्राहीम बौबकार किता ने प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रियों का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। हाल ही में मोप्ती क्षेत्र में हुई हिंसा को रोकने में नाकाम रहने के कारण उन पर इस्तीफे के दबाव काफी अधिक बढ़ गया था। 23 मार्च को हुए नरसंहार में लगभग 160 लोगों की हत्या हुई थी। बाद में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया, लोगों का आरोप था कि सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक कदम नही उठाये। 2012 में अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकवादियों ने माली के विशाल मरुस्थल पर कब्ज़ा कर लिया था, उसके बाद देश में स्थिरता स्थापित करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
माली
माली पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक लैंडलॉक्ड (चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ) देश है। यह अफ्रीका का आठवां सबसे बड़ा देश है। इसका क्षेत्रफल 12,40,000 वर्ग किलोमीटर है। माली की राजधानी बामाको में स्थित है। माली की आधिकारिक भाषा फ्रेंच है। माली ने 20 जून, 1960 को फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
माली के प्रधानमंत्री सौमेय्लोऊ बौबेये मैगा ने कैबिनेट समेत अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माली के राष्ट्रपति इब्राहीम बौबकार किता ने प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रियों का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है। हाल ही में मोप्ती क्षेत्र में हुई हिंसा को रोकने में नाकाम रहने के कारण उन पर इस्तीफे के दबाव काफी अधिक बढ़ गया था। 23 मार्च को हुए नरसंहार में लगभग 160 लोगों की हत्या हुई थी। बाद में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतर कर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया, लोगों का आरोप था कि सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक कदम नही उठाये। 2012 में अल-कायदा से जुड़े हुए आतंकवादियों ने माली के विशाल मरुस्थल पर कब्ज़ा कर लिया था, उसके बाद देश में स्थिरता स्थापित करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
माली
माली पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक लैंडलॉक्ड (चारों ओर से भूमि से घिरा हुआ) देश है। यह अफ्रीका का आठवां सबसे बड़ा देश है। इसका क्षेत्रफल 12,40,000 वर्ग किलोमीटर है। माली की राजधानी बामाको में स्थित है। माली की आधिकारिक भाषा फ्रेंच है। माली ने 20 जून, 1960 को फ्रांस से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
5. विश्व यकृत दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर – 19 अप्रैल
प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को विश्व यकृत दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य शरीर में यकृत की भूमिका को रेखांकित करना है। यकृत शरीर के सबसे बड़े तथा सबसे जटिल अंगों में से एक है। यकृत शरीर में भोजन के पाचन में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका भार लगभग 100 ग्राम होता है तथा इसकी लम्बाई लभग 15 सेंटीमीटर होती है।
प्रतिवर्ष 19 अप्रैल को विश्व यकृत दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसका उद्देश्य शरीर में यकृत की भूमिका को रेखांकित करना है। यकृत शरीर के सबसे बड़े तथा सबसे जटिल अंगों में से एक है। यकृत शरीर में भोजन के पाचन में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका भार लगभग 100 ग्राम होता है तथा इसकी लम्बाई लभग 15 सेंटीमीटर होती है।
6. 2020 में G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किस देश में किया जायेगा?
उत्तर – संयुक्त अरब अमीरात
सऊदी अरब ने हाल ही में घोषणा की, कि नवम्बर, 2020 में राजधानी रियाध में G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। गौरतलब है कि यह अरब जगत में आयोजित किया जाने वाला पहला G-20 शिखर सम्मेलन होगा। पिछले वर्ष G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन अर्जेंटीना की राजधानी बूएनोस एरेस में किया गया था।
जी-20
जी-20 सरकारों व केन्द्रीय बैंकों का एक अंतर्राष्ट्रीय फोरम है, इसमें विश्व के सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। जी-20 का गठन 26 सितम्बर, 1999 को किया गया था। इसका उद्देश्य सदस्य देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुख्य बिन्दुओं व समस्याओं पर चर्चा करने के लिए एकत्रित करना है। जी-20 समूह के सदस्य इस प्रकार हैं : अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपियन संघ।
सऊदी अरब
सऊदी अरब पश्चिम एशिया में स्थित एक इस्लामिक राष्ट्र है, इसका क्षेत्रफल 21,49,690 वर्ग किलोमीटर है। यह एक सुन्नी इस्लामिक देश है। सऊदी अरब की सीमा उत्तर में जॉर्डन तथा इराक, उत्तर पूर्व में कुवैत, पूर्व में क़तर, बहरीन तथा संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण-पूर्व में ओमान तथा दक्षिण में यमन से लगती है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मध्य पूर्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा विश्व की 18वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सऊदी अरब की मुद्रा रियाल है।
सऊदी अरब ने हाल ही में घोषणा की, कि नवम्बर, 2020 में राजधानी रियाध में G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। गौरतलब है कि यह अरब जगत में आयोजित किया जाने वाला पहला G-20 शिखर सम्मेलन होगा। पिछले वर्ष G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन अर्जेंटीना की राजधानी बूएनोस एरेस में किया गया था।
जी-20
जी-20 सरकारों व केन्द्रीय बैंकों का एक अंतर्राष्ट्रीय फोरम है, इसमें विश्व के सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। जी-20 का गठन 26 सितम्बर, 1999 को किया गया था। इसका उद्देश्य सदस्य देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुख्य बिन्दुओं व समस्याओं पर चर्चा करने के लिए एकत्रित करना है। जी-20 समूह के सदस्य इस प्रकार हैं : अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपियन संघ।
सऊदी अरब
सऊदी अरब पश्चिम एशिया में स्थित एक इस्लामिक राष्ट्र है, इसका क्षेत्रफल 21,49,690 वर्ग किलोमीटर है। यह एक सुन्नी इस्लामिक देश है। सऊदी अरब की सीमा उत्तर में जॉर्डन तथा इराक, उत्तर पूर्व में कुवैत, पूर्व में क़तर, बहरीन तथा संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण-पूर्व में ओमान तथा दक्षिण में यमन से लगती है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था मध्य पूर्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा विश्व की 18वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सऊदी अरब की मुद्रा रियाल है।
7. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2019 में भारत को कौन सा स्थान प्राप्त हुआ है?
उत्तर – 140वां
हाल ही में रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2019 जारी किया। इस सूचकांक में भारत दो स्थान फिसलकर 140वें स्थान पर पहुँच गया है। 2018 में भारत इस सूचकांक में 138वें स्थान पर था।
इस सूचकांक में सबसे नीचे वियतनाम (176वां स्थान) तथा चीन (177वां स्थान), इरीट्रिया (178वां स्थान), दक्षिण कोरिया (179वां स्थान) तथा तुर्कमेनिस्तान (180वां स्थान) हैं।
टॉप 10 देश
1. नॉर्वे
2. फ़िनलैंड
3. स्वीडन
4. नीदरलैंड
5. डेनमार्क
6. स्विट्ज़रलैंड
7. न्यूजीलैंड
8. जमैका
9. बेल्जियम
10. कोस्टा रिका
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी तथा गैर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1985 में रोबर्ट मेनार्ड, रेमी लौरी, जैक मोलेनाट तथा एमिलियन जुबिनाऊ ने 1985 में की थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। वर्तमान में इसके महानिदेशक क्रिस्टोफ डेलोइर हैं। यह संगठन खतरनाक क्षेत्रों में कार्य करने वाले पत्रकारों को वित्तीय तथा अन्य सहायता प्रदान करता है। यह पत्रकारों की स्वतंत्रता पर होने वाले आक्रमणों की मॉनिटरिंग करता है।
हाल ही में रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2019 जारी किया। इस सूचकांक में भारत दो स्थान फिसलकर 140वें स्थान पर पहुँच गया है। 2018 में भारत इस सूचकांक में 138वें स्थान पर था।
इस सूचकांक में सबसे नीचे वियतनाम (176वां स्थान) तथा चीन (177वां स्थान), इरीट्रिया (178वां स्थान), दक्षिण कोरिया (179वां स्थान) तथा तुर्कमेनिस्तान (180वां स्थान) हैं।
टॉप 10 देश
1. नॉर्वे
2. फ़िनलैंड
3. स्वीडन
4. नीदरलैंड
5. डेनमार्क
6. स्विट्ज़रलैंड
7. न्यूजीलैंड
8. जमैका
9. बेल्जियम
10. कोस्टा रिका
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स
रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी तथा गैर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 1985 में रोबर्ट मेनार्ड, रेमी लौरी, जैक मोलेनाट तथा एमिलियन जुबिनाऊ ने 1985 में की थी। इसका मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है। वर्तमान में इसके महानिदेशक क्रिस्टोफ डेलोइर हैं। यह संगठन खतरनाक क्षेत्रों में कार्य करने वाले पत्रकारों को वित्तीय तथा अन्य सहायता प्रदान करता है। यह पत्रकारों की स्वतंत्रता पर होने वाले आक्रमणों की मॉनिटरिंग करता है।
8. भारत किस देश के साथ मिलकर वरुण 2019 अभ्यास का आयोजन करेगा?
उत्तर – फ्रांस
भारत और फ्रांस के बीच मई में “वरुण नौसैनिक अभ्यास” का आयोजन किया जाएगा।
वरुण 2019
इस अभ्यास में भारत मिग-29K लड़ाकू विमानों के साथ अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य का उपयोग करेगा। फ्रांस की ओर से इस अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर FNS चार्ल्स डी गॉल तथा राफेल-एम नैवेल जेट्स हिस्सा लेंगे।
इस अभ्यास में फ्रांस की ओर से FNS फोर्बिन, FNS प्रोवेंस, FNS लातूशे त्रेविल, परमाणु पनडुब्बी, FNS अमेथिस्ट, टैंकर FNS मारने इत्यादि हिस्सा ले रहे हैं। भारत की ओर से इस अभ्यास में डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस शंकुल, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई, स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश, टैंकर आईएनएस दीपक, P-8I लम्बी दूरी का गश्ती एयरक्राफ्ट तथा डोर्निएर-228 विमान हिस्से ले रहे हैं। वरुण के उच्च स्तरीय नौसैनिक अभ्यास है, इसमें पनडुब्बी रोधी अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।
भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग
भारत और फ्रांस हिन्द महासागर क्षेत्र में क्रिया-प्रधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। फ्रांस के साथ मिलिट्री लॉजिस्टिक्स समझौते के कारण भारतीय नौसेना को हिन्द महासागर में स्थित फ़्रांसिसी अड्डों में जाने की पहुँच प्राप्त है।
भारत और फ्रांस के बीच मई में “वरुण नौसैनिक अभ्यास” का आयोजन किया जाएगा।
वरुण 2019
इस अभ्यास में भारत मिग-29K लड़ाकू विमानों के साथ अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य का उपयोग करेगा। फ्रांस की ओर से इस अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर FNS चार्ल्स डी गॉल तथा राफेल-एम नैवेल जेट्स हिस्सा लेंगे।
इस अभ्यास में फ्रांस की ओर से FNS फोर्बिन, FNS प्रोवेंस, FNS लातूशे त्रेविल, परमाणु पनडुब्बी, FNS अमेथिस्ट, टैंकर FNS मारने इत्यादि हिस्सा ले रहे हैं। भारत की ओर से इस अभ्यास में डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस शंकुल, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई, स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश, टैंकर आईएनएस दीपक, P-8I लम्बी दूरी का गश्ती एयरक्राफ्ट तथा डोर्निएर-228 विमान हिस्से ले रहे हैं। वरुण के उच्च स्तरीय नौसैनिक अभ्यास है, इसमें पनडुब्बी रोधी अभ्यास का आयोजन किया जाएगा।
भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग
भारत और फ्रांस हिन्द महासागर क्षेत्र में क्रिया-प्रधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। फ्रांस के साथ मिलिट्री लॉजिस्टिक्स समझौते के कारण भारतीय नौसेना को हिन्द महासागर में स्थित फ़्रांसिसी अड्डों में जाने की पहुँच प्राप्त है।
9. अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में कौन से भारतीय पोत हिस्सा ले रहे हैं?
उत्तर – आईएनएस कोलकाता तथा आईएनएस शक्ति
अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू 2019 में दो भारतीय पोत – स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता तथा आईएनएस शक्ति हिस्सा ले रहे हैं। इसका आयोजन चीन के किंगदाओ में 23 अप्रैल, 2019 को किया जाएगा। यह नौसैनिक पोत, एयरक्राफ्ट तथा पनडुब्बियों की परेड है। इसके द्वारा देश अपनी पोत निर्माण क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू 2019 में दो भारतीय पोत – स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता तथा आईएनएस शक्ति हिस्सा ले रहे हैं। इसका आयोजन चीन के किंगदाओ में 23 अप्रैल, 2019 को किया जाएगा। यह नौसैनिक पोत, एयरक्राफ्ट तथा पनडुब्बियों की परेड है। इसके द्वारा देश अपनी पोत निर्माण क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं।
10. रॉयल सोसाइटी फेलोशिप प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक कौन बनीं?
उत्तर – गगनदीप कांग
भारत की जैव वैज्ञानिक गगनदीप कांग फेलो ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी के 359 वर्ष के इतिहास में शामिल की जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। कांग को बच्चों में होने वाले संक्रमण के अनुसन्धान के लिए जाना जाता है। उन्होंने रोटावायरस तथा टाइफाइड के स्वदेशी टीके के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गगनदीप कांग वेल्लोर के क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं। वे वर्तमान में फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य कर रहीं हैं। 2016 में उन्हें जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने के लिए जीव विज्ञान में इनफ़ोसिस प्राइज से सम्मानित किया गया था।
फेलो ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी
रॉयल सोसाइटी ऑफ़ लन्दन द्वारा गणित, इंजीनियरिंग विज्ञान तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए फेलोशिप ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी प्रदान की जाती है, यह एक प्रकार का पुरस्कार है। इसकी शुरुआत वर्ष 1663 में हुई थी। गौरतलब है कि अब तक यह फेलोशिप इसाक न्यूटन (1672), चार्ल्स डार्विन (1839), माइकल फैराडे (1824), अर्नेस्ट रदरफोर्ड (1903), श्रीनिवास रामानुजन (1918), अल्बर्ट आइंस्टीन (1921), सुब्रमन्यन चंद्रशेखर (1944), एलन टूरिंग (1951), स्टीफन हॉकिंग (1974), अजय कुमार सूद (2015), एलोन मस्क (2018) को प्रदान की जा चुकी है।
भारत की जैव वैज्ञानिक गगनदीप कांग फेलो ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी के 359 वर्ष के इतिहास में शामिल की जाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। कांग को बच्चों में होने वाले संक्रमण के अनुसन्धान के लिए जाना जाता है। उन्होंने रोटावायरस तथा टाइफाइड के स्वदेशी टीके के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गगनदीप कांग वेल्लोर के क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं। वे वर्तमान में फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य कर रहीं हैं। 2016 में उन्हें जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने के लिए जीव विज्ञान में इनफ़ोसिस प्राइज से सम्मानित किया गया था।
फेलो ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी
रॉयल सोसाइटी ऑफ़ लन्दन द्वारा गणित, इंजीनियरिंग विज्ञान तथा चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए फेलोशिप ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी प्रदान की जाती है, यह एक प्रकार का पुरस्कार है। इसकी शुरुआत वर्ष 1663 में हुई थी। गौरतलब है कि अब तक यह फेलोशिप इसाक न्यूटन (1672), चार्ल्स डार्विन (1839), माइकल फैराडे (1824), अर्नेस्ट रदरफोर्ड (1903), श्रीनिवास रामानुजन (1918), अल्बर्ट आइंस्टीन (1921), सुब्रमन्यन चंद्रशेखर (1944), एलन टूरिंग (1951), स्टीफन हॉकिंग (1974), अजय कुमार सूद (2015), एलोन मस्क (2018) को प्रदान की जा चुकी है।