1. ‘झरोखा’, जो हाल ही में ख़बरों में रहा, किस क्षेत्र से संबंधित उत्सव है?
उत्तर – कला और संस्कृति
संस्कृति मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय संयुक्त रूप से “भारतीय हस्तशिल्प/हथकरघा, कला और संस्कृति के झरोखा-संग्रह” का आयोजन कर रहे हैं। झरोखा पारंपरिक भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और कला और संस्कृति का उत्सव है। यह पूरे देश में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 16 स्थानों पर आयोजित किया जायेगा। इस उत्सव के तहत पहला कार्यक्रम भोपाल, मध्य प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है।
2. हाल ही में खबरों में रहा ‘ट्रेलिस स्ट्रक्चर’ (Trellis structure) किस सेक्टर से जुड़ा है?
उत्तर – कृषि
सतत खेती (sustainable farming) के एक भाग के रूप में, भूमि पर चार स्तंभों, बांस के खंभे और रस्सियों का उपयोग करके ‘ट्रेलिस स्ट्रक्चर’ (Trellis structure) तैयार किया जाता है। चूंकि पौधे विशेष रूप से लताएं ‘ट्रेलिस स्ट्रक्चर’ में लंबवत रूप से विकसित होती हैं, इसलिए तने, फूल और फलों के सड़ने की संभावना बहुत कम होती है। इस प्रणाली ने ओडिशा के कई आदिवासी गांवों में अच्छे परिणाम दिए हैं।
3. ‘करेवा’ (Karewa) नामक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी के निक्षेप किस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में पाए जाते हैं?
उत्तर – जम्मू और कश्मीर
कश्मीर घाटी की अत्यधिक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी को ‘करेवा’ कहा जाता है। यह पठार 13,000-18,000 मीटर मोटी जलोढ़ मिट्टी और तलछट इत्यादि से बने हैं। ये केसर, बादाम, सेब और कई अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए आदर्श स्थान हैं। यह हाल ही में ख़बरों में देखा गया, क्योंकि विकास के नाम पर करेवा को नष्ट किया जा रहा है।
4. MSME मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘समर्थ’ पहल का उद्देश्य क्या है?
उत्तर – महिला उद्यमिता
केंद्रीय MSME मंत्रालय ने हाल ही में ‘SAMARTH – महिलाओं के लिए एक विशेष उद्यमिता प्रोत्साहन अभियान’ शुरू किया है। ‘समर्थ’ के तहत, मंत्रालय की कौशल विकास योजनाओं के तहत आयोजित मुफ्त कौशल विकास कार्यक्रमों में 20% सीटें इच्छुक और मौजूदा महिला उद्यमियों के लिए आवंटित की जाएंगी।
5. 2022 तक दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक देश कौन सा है?
उत्तर – अमेरिका
रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है, जो केवल अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। रूस प्रतिदिन करीब 1.1 करोड़ बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है। रूस के निर्यात किए गए तेल का लगभग आधा (प्रति दिन 2.5 मिलियन बैरल) – यूरोपीय देशों को भेज दिया जाता है। इसका लगभग एक-तिहाई हिस्सा बेलारूस के माध्यम से ड्रुज़बा पाइपलाइन के माध्यम से यूरोप में आता है। हाल ही में, यूके ने प्रस्तावित किया कि G7 राष्ट्र अपने रूसी तेल और गैस के आयात को सीमित करेंगे।