भारत, इज़रायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 18 अक्टूबर, 2021 को अपने विदेश मंत्रियों की पहली बैठक आयोजित करके “अब्राहम समझौते” द्वारा हासिल की गई गति पर कार्य करने जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- इस बैठक को “नया क्वाड” के रूप में वर्णित किया जा रहा है।
- इसके द्वारा शामिल थे:
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर
- वाशिंगटन से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन
- यरुशलम से इजरायल के विदेश मंत्री यायर लापिड
- अबू धाबी से यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान
- इन चार देशों को एक साथ एक मंच पर लाने वाली यह पहली बैठक है।
- इस बैठक को नई बहुपक्षीय भागीदारी के निर्माण के भारत के प्रयासों से भी जोड़ा जाएगा जो सुरक्षा, संपर्क और ऊर्जा सहित क्षेत्रों में सहयोग पर केंद्रित है।
त्रिपक्षीय सहयोग
अगस्त 2020 में दो पश्चिम एशियाई देशों के बीच अब्राहम समझौते के लिए अमेरिका द्वारा किये गये समझौते के बाद भारत, इज़रायल और यूएई ने विशेष रूप से व्यापार और निवेश में त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाया है। इस साझेदारी के तहत इजरायल की एक कंपनी भारत में रोबोटिक सोलर क्लीनिंग टेक्नोलॉजी का उत्पादन करेगी जिसका इस्तेमाल यूएई में एक प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा।
अब्राहम समझौता (Abraham Accords)
अब्राहम समझौता इजरायल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक संयुक्त बयान है। इस पर 13 अगस्त, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। इस शब्द का इस्तेमाल इज़राइल और यूएई और इज़रायल और बहरीन के बीच सामूहिक रूप से सामान्यीकरण समझौतों को संदर्भित करने के लिए भी किया गया था। यह 1994 के बाद से किसी भी अरब देश और इज़राइल के बीच संबंधों का पहला सार्वजनिक सामान्यीकरण है। इस समझौते का नाम अब्राहम के नाम पर रखा गया है, जिसमें यहूदी और इस्लाम के बीच साझा विश्वास पर जोर दिया गया है।