चक्रवातों का नाम कैसे रखा जाता है?

चर्चा में क्यों?
फानी एक चक्रवाती तूफान है, जिसने 3 मई को ओडिशा में दस्तक दी है।
इस दौरान हवा की गति 175-185 किलोमीटर प्रति घंटा से 205 किलोमीटर प्रति घंटा होने की संभावना है।

ओडिशा सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।
फनी तूफान 'सुपर साइक्लोन' के बाद का भयावह तूफान है। फानी को 1999 के 'सुपर साइक्लोन' के बाद सबसे खतरनाक चक्रवात माना जाता है।
वर्ष 1999 में, सुपर साइक्लोन में, ओडिशा में लगभग 10 हजार लोग मारे गए थे और भारी तबाही हुई थी।
चक्रवातों का नाम कैसे रखा जाता है?
पर्यटन के लिए मशहूर शहर पुरी में 175 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं। ये एक तूफ़ान की वजह से है, जिसका नाम 'फानी' रखा गया है। इस तूफ़ान के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ पड़ा है।
इस तूफ़ान का नाम बांग्लादेश ने रखा है। इस तूफ़ान के नाम के उच्चारण को लेकर भ्रम की स्थिति है और मीडिया में इसे कई तरह से लिखा जा रहा है।
कैसे रखे जाते हैं तूफ़ानों के नाम
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने तूफ़ान का नाम रखने के लिए एक प्रणाली बनाई है जिसके तहत अलग-अलग देश अपनी ओर से नाम सुझाते हैं।
तूफ़ानों के नाम देशों की ओर से सुझाए गए नामों की सूची में से ही रखे जाते हैं। 1953 से मयामी नेशनल हरिकेन सेंटर और वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइज़ेशन (डब्ल्यूएमओ) तूफ़ानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता रहा है। डब्ल्यूएमओ जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी है।
लेकिन उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवातों का कोई नाम नहीं रखा गया था। वजह ये थी कि ऐसा करना काफ़ी विवादास्पद काम था।
साल 2004 में ये स्थिति तब बदल गई, जब डब्ल्यूएमओ की अगुवाई वाला अंतरराष्ट्रीय पैनल भंग कर दिया गया और संबंधित देशों से अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले चक्रवात का नाम ख़ुद रखने को कहा गया।
इसके बाद भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका और थाईलैंड को मिलाकर कुल आठ देशों ने एक बैठक में हिस्सा लिया।
इन देशों ने 64 नामों की एक सूची सौंपी। हर देश ने आने वाले चक्रवात के लिए आठ नाम सुझाए।  उत्तरी हिंद महासागर के क्षेत्र में आने वाले तूफ़ानों के नाम इसी सूची से रखे जाते हैं। फणी तूफ़ान का नाम भी इसी सूची में से रखा गया है। बांग्लादेश में 'फणी' सांप के फन को कहते हैं ।
ये शब्द फन या फण से ही बना है या ये कहें कि फन का बंगाली उच्चारण है।
यह सूची हर देश के वर्ण क्रम के अनुसार है। इस क्षेत्र में जून 2014 में आए चक्रवात 'नानुक' का नाम म्यांमार ने रखा था।
सदस्य देशों के लोग भी नाम सुझा सकते हैं।
मसलन भारत सरकार इस शर्त पर लोगों की सलाह मांगती है कि नाम छोटे, समझ आने लायक, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और भड़काऊ न हों।
बीते साल आए तूफ़ान तितली का नाम पाकिस्तान ने रखा था।
साल 2013 में भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर आए पायलिन चक्रवात का नाम थाईलैंड ने रखा था।
इस इलाक़े में आए एक अन्य चक्रवात 'नीलोफ़र' का नाम पाकिस्तान ने रखा था।
पाकिस्तान ने नवंबर 2012 में जिस चक्रवात का नाम रखा था उसे 'नीलम' कहा गया।
डॉक्टर महापात्रा के मुताबिक साल 2014 में आया चक्रवात हुदहुद इस सूची का 34वां नाम था।

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