सरकार के थिंक टैंक नीती आयोग ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, जिसमें ब्रिज कोर्स के बाद दंत चिकित्सकों को सामान्य चिकित्सकों के रूप में अभ्यास करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
इसके अनुसार ब्रिज कोर्स के बाद दंत चिकित्सकों को सामान्य चिकित्सक के रूप में अभ्यास करने की अनुमति मिल गई है।
देश में डॉक्टरों की तीव्र कमी को दूर करने के प्रयास में, नीति आयोग ने BDS और MBBS के बीच एक ब्रिज कोर्स प्रस्तावित किया है।
इस पाठ्यक्रम के सफल समापन के उपरांत दंत चिकित्सकों को सामान्य डॉक्टर के रूप में अभ्यास करने की अनुमति मिलेगी।
यह प्रस्ताव देश में दंत चिकित्सकों को “प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल” को पूरा करने के लिए सशक्त बनाता है।
प्रस्ताव के पीछे का कारण: इस प्रस्ताव पर थिंक टैंक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जांच की जा रही है। यह देश में अधिक मध्यम स्तर के चिकित्सकों को प्रदान करने और विशेष रूप से यह देश में ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी से निपटने का प्रयास है।
वर्तमान में प्रत्येक 2000 लोगों पर, एक दंत चिकित्सक है, लेकिन चिकित्सकों की संख्या कम है। यदि ब्रिज कोर्स को मंजूरी मिल जाती है, तो यह घाटे की स्थिति पर काबू पाने में मदद करेगा। इसलिए, सरकार का लक्ष्य डॉक्टर-मरीज के अनुपात में सुधार करना है।