माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के शुभारंभ की मंजूरी दी है।
प्रस्तावित योजना में तीन घटक हैं:
घटक-ए: 10,000 मेगावाट का विकेंद्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड रिन्यूएबल पावर प्लांट।

घटक-बी: 17.50 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना।
घटक-सी: 10 लाख ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों का सोलराइजेशन।
सभी तीन घटकों को मिलाकर, योजना का लक्ष्य 2022 तक 25,750 मेगावाट की सौर क्षमता को जोड़ना है। इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली कुल केंद्रीय वित्तीय सहायता 34,422 करोड़ रुपये होगी।
कैबिनेट ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 को स्वीकृति दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 (एनपीई 2019) को अपनी स्वीकृति दे दी।
पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 (एनपीई 2012) के तत्वावधान में विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से एक प्रतिस्पर्धी भारतीय ईएसडीएम वैल्यू चेन से जुड़ी नींव सफलतापूर्वक मजबूत हो गई है।
एनपीई 2019 में इस नींव को और मजबूत करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि देश में ईएसडीएम उद्योग के विकास की गति तेज की जा सके।
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 (एनपीई 2019) ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 (एनपीई 2012) का स्थान लिया है।
कार्यान्वयन रणनीति: इस नीति से इसमें परिकल्पित रोडमैप के अनुसार ही देश में ईएसडीएम सेक्टर के विकास के लिए अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं एवं उपायों को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्त होगा।
लक्ष्य : वर्ष 2025 तक 400 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 26,00,000 करोड़ रुपये) का कारोबार हासिल करने हेतु आर्थिक विकास के लिए ईएसडीएम की समूची वैल्यू चेन में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख प्रभाव : एनपीई 2019 को कार्यान्वित करने पर संबंधित मंत्रालयों/विभागों के परामर्श से देश में ईएसडीएम सेक्टर के विकास के लिए अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं इत्यादि को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्त होगा।