नारियल रेशे यानी कॉयर और उससे बने उत्‍पादों के निर्यात में भारत ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की

भारत से नारियल रेशे और उससे बने उत्‍पादों का वर्ष 2019-20 में 2757.90 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निर्यात हुआ जबकि वर्ष 2018-19 में यह निर्यात 2728.04 करोड़ रुपये का था यानी कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लगभग 30 करोड़ रुपये अधिक का निर्यात हुआ है।

प्रमुख बिंदु:
  • वर्ष 2019-20 की अवधि में देश से नारियल रेशे और उससे बने उत्‍पादों का 9,88,996 मीट्रिक टन निर्यात किया गया जबकि पिछले वर्ष यह निर्यात 9,64,046 मीट्रिक टन था।
  • नारियल रेशे से बने उत्‍पाद जैसे कॉयर पिथ, टफ्ड मैट,  जियो-टेक्सटाइल्स,  रग्स और कालीन तथा  रस्सी और पावर-लूम मैट के निर्यात में मात्रा और मूल्य दोनों के संदर्भ में वृद्धि दर्ज की गई।
  • हैंड-लूम मैट, कॉयर यार्न, रबराइज्ड कॉयर और पावर-लूम मैटिंग जैसे उत्पादों में मात्रा के संदर्भ में गिरावट और मूल्य के संदर्भ में वृद्धि देखी गई।
  • कॉयर निर्यात के प्रमुख घटक:
  1. देश से निर्यात किए गए कुल नारियल रेशा उत्‍पादों में से कॉयर पिथ का 1349.63 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ जो कुल कॉयर निर्यात की कमाई का 49 प्रतिशत रहा।.
  2. कुल कॉयर निर्यात में से कॉयर फाइबर के निर्यात की हिस्‍सेादारी 18 प्रतिशत के साथ 498.43 करोड़ रुपये की रही। 
  3. कॉयर के मूल्‍य संवर्धित उत्‍पादों का निर्यात कुल कॉयर निर्यात का 33 प्रतिशत रहा। 
  • कॉयर और उसके उत्‍पादों का निर्यात समुद्री मार्ग से भारतीय बंदरगाहों के जरिए किया जाता है। इनमें तूतीकोरीन,चेन्‍नई और कोच्‍चि के बंदरगाह शामिल हैं।
  • अन्‍य बंदरगाह जहां से इन वस्‍तुओं का निर्यात किया जाता है उसमें विशाखापत्‍तनम, मुबंई और कोलकाता आदि शामिल हैं।

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