वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे-सूची में रखने का फैसला किया है जो अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में देश की छवि के लिए एक झटका साबित हुआ है।
प्रमुख बिंदु:
- पाकिस्तान को सूची में रखने का निर्णय तीसरी और अंतिम पूर्ण बैठक में लिया गया था, जो चीन के जियांगमिन लियू की अध्यक्षता में कोरोनावायरस महामारी के कारण हुआ था।
- यह निर्णय लिया गया क्योंकि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी समूहों और संगठनों के लिए धन के प्रवाह की जाँच करने में विफल रहा है।
- अक्टूबर 2020 में होने वाली एफएटीएफ की अगली बैठक तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा।
- पाकिस्तान के जीरोस्टाइलिंग ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी), यूरोपीय संघ, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक से सहायता प्राप्त करना देश के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इससे देश की पहले से बिगड़ती वित्तीय स्थिति बिगड़ती जा रही है।
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में 37 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन अर्थात् यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं।
- यदि पाकिस्तान अक्टूबर तक एफएटीएफ के निर्देश का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो एफएटीएफ पाकिस्तान को 'ब्लैक लिस्ट' में डाल सकता है।