Daily CA Dose : 15-12-2019

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को मंजूरी, अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल कर राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दे दी. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की 12 नवम्बर को अनुशंसा की थी. इस दौरान महाराष्ट्र की विधानसभा निलंबित रहेगी.
राज्य में किसी भी दल के संवैधानिक तरीके से सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने के कारण राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.
संवैधानिक तरीके से सरकार बनाने में बिफल
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया था. उनकी तरफ से हर संभव कोशिश के बाद भी सरकार का गठन संविधान के मुताबिक नहीं किया जा सका.

महाराष्ट्र विधानसभा में किसी भी दल को बहुमत नहीं
288 सदस्यों की महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हाल ही में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुआ था. इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन ने 161 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था, किन्तु मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण नये विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका.

इस विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सर्वाधिक 105 सीटें जबकि गठबंधन के सहयोगी शिवसेना ने 56 सीटें जीते थे. विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन ने 98 सीटें जीतने में सफल हुई थी. बाकी 29 सीटें छोटे दलों और निर्दलियों ने जीते. यहाँ सरकार के गठन के लिए आवश्यक बहुमत के लिए 145 सीटों (निर्वाचित सदस्यों) की जरूरत है.
अनुच्छेद 356: एक दृष्टि
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356, केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है.
  • किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में उस राज्य के राज्यपाल की सिफारिश पर अनुच्छेद 356 का उपयोग का राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है.
  • राष्ट्रपति शासन उस स्थिति में भी लागू होता है, जब राज्य विधानसभा में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं हो.
  • राष्ट्रपति शासन एक समय में 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है, बाद में लोकसभा व राज्यसभा की सहमती से इस अवधि को अधिकतम 3 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है.
  • अनुच्छेद 356 भारतीय संविधान में 1950 में लागू किया गया था. अनुच्छेद 356 को पहली बार 31 जुलाई 1957 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी केरल की कम्युनिस्ट सरकार बर्खास्त करने के लिए किया गया था.

    डल झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने के लिए समिति का गठन

    जम्मू और कश्मीर सरकार ने श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील के आसपास के क्षेत्रों को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) घोषित करने के लिए एक दस-सदस्यीय समिति का गठन किया है.
    डल झील के सिकुड़ते आकार को लेकर चिंताओं के कारण यह निर्णय लिया गया है. ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (DCI) के 2017 के आकलन के अनुसार, प्रदूषण और अतिक्रमणों के कारण डल झील 22 वर्ग किलोमीटर के अपने मूल क्षेत्र से सिकुड़ कर लगभग 10 वर्ग किलोमीटर हो गई है.

    न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही ने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली

    न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप साही ने 11 नवम्बर को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली. तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उन्हें पद की शपथ दिलायी.
    मौजूदा नियुक्ति के पहले साही पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे. साही ने विजया ताहिलरमानी का स्थान लिया है. ताहिलरमानी ने मेघालय स्थानांतरण किए जाने पर पुनर्विचार के लिए उनके आग्रह पर उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम के इनकार के बाद इस्तीफा दे दिया था.

    नासा ने बाहरी अंतरिक्ष में एक थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट को खोजने में सफलता हासिल की

    अमेरिकी अन्तरिक्ष संस्था नासा ने बाहरी अंतरिक्ष से आने वाले एक बड़े थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट को खोजने में सफलता हासिल की है. भारी थर्मोन्यूक्लियर फ्लैश के कारण एक पल्सर (एक प्रकार का तारा) की सतह पर सुपरनोवा के रूप में विस्फोट हुआ था.
    सूर्य लगभग 10 दिनों में जितनी ऊर्जा देता है उतनी ऊर्जा यह विस्फोट केबल 20 सेकंड में जारी कर देता है. नासा की रिपोर्ट के अनुसार, ISS पर नासा के न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर (NICER) टेलीस्कोप ने एक्स-रे के अचानक स्पाइक का 20 अगस्त को पता लगाया था.

    सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

    सरकार ने चार मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ये चार मेडिकल डिवाइस पार्क आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में बनाए जाएंगे.
    डिवाइस पार्क बनाने से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिलेगा. इन पार्कों में इलाज में काम आने वाले उपकरण बनाने के लिए कंपनियों को सभी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इससे इन महंगे उपकरणों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी आएगी. साथ ही उत्पादन लागत घटने से ये उपकरण कम दाम पर उपलब्ध होंगे.
    अभी देश में ज्यादातर मेडिकल डिवाइसेज का आयात किया जाता है. मेडिकल डिवाइसेज की ग्लोबल इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी है. ग्लोबल इंडस्ट्री का आकार करीब 250 अरब डॉलर है.

    12 नवम्‍बर: लोकसेवा प्रसारण दिवस

    प्रत्येक वर्ष 12 नवम्‍बर को लोकसेवा प्रसारण दिवस (Public Service Broadcasting Day) मनाया जाता है. 1947 में 12 नवम्‍बर को राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के आकाशवाणी (आल इंडिया रेडियो) दिल्‍ली स्‍टूडियो में पहली और अंतिम बार आने की स्‍मृति में प्रत्‍येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है. महात्‍मा गांधी ने विभाजन के बाद हरियाणा के कुरूक्षेत्र में अस्‍थाई रूप से आकर बसे विस्‍थापित लोगों को आकाशवाणी से संबोधित किया था.
    भारत में 8 जून, 1936 को आकाशवाणी अस्तित्व में आया था. आकाशवाणी का आदर्श वाक्य ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ है.

    12 नवम्‍बर: विश्व निमोनिया दिवस

    प्रत्येक वर्ष 12 नवम्बर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्वभर में लोगों के बीच निमोनिया के प्रति जागरूकता फैलाना है. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस दिन को मनाने की शुरुआत 12 नवंबर 2009 को की थी.
    इस वर्ष यानी 2019 में विश्व निमोनिया दिवस का विषय (थीम) ‘सबके के लिए स्वस्थ फेफड़े’ (Healthy lungs for all) है.
    निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें फेफड़ों (लंग्स) में इन्फेक्शन हो जाता है. निमोनिया होने पर फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है.

Ⓒ 2019. JMS Classes Raisinghnagar
✆ 9667070111

Designed By : Satnam Gill