Daily CA Dose : 14-12-2019

संसद ने 126वां संविधान संशोधन विधेयक 2019 पारित किया

संसद ने हाल ही में भारतीय संविधान का 126वां संविधान संशोधन विधेयक 2019 पारित किया. यह भारतीय संविधान का 104वां संशोधन (104th Amendment of Indian Constitution) है. इसके तहत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 334 में संशोधन किया गया है.
इस विधेयक को राज्यसभा ने 12 दिसम्बर को पारित किया था. लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी थी. इस विधेयक के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के लिए आरक्षण की अवधि को दस साल और बढ़ाया गया है.

इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए लोकसभा और राज्‍य विधानसभाओं में 25 जनवरी 2030 तक सीटों का आरक्षण बढ़ाने का प्रावधान है. पहले इस आरक्षण का समय सीमा 25 जनवरी 2020 तक के लिए था.

एंग्‍लो-इंडियन समुदाय का आरक्षण समाप्त

इस संविधान संशोधन विधेयक द्वारा संसद में एंग्‍लो-इंडियन समुदाय को दिए जाने वाले आरक्षण को समाप्त कर दिया है. एंग्लो-इंडियन समुदाय को दिए जाने वाला आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा था. इस आरक्षण के तहत इस समुदाय के 2 सदस्य लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे.

आरक्षण को अनुच्छेद 334 में शामिल किया गया है

आरक्षण को आर्टिकल 334 में शामिल किया गया है. अनुच्छेद 334 कहता है कि एंग्लो-इंडियन, एससी और एसटी को दिए जाना वाला आरक्षण 40 साल बाद खत्म हो जाएगा. इस खंड को 1949 में शामिल किया गया था. 40 वर्षों के बाद इसे 10 वर्षों के विस्तार के साथ संशोधित किया जा रहा है.

ब्रिटेन आम चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी ने जीत दर्ज की

ब्रिटेन आम चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी ने जीत दर्ज की है. 650 सदस्‍यों वाले निचले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में कंजर्वेटिव पार्टी ने 365 सीटें जीत कर स्पस्ट बहुमत प्राप्त किया है. विपक्षी लेबर पार्टी को 203 सीटें मिली है. इस जीत के साथ ही ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से अलग करने (ब्रेग्जिट) पर अनिश्चितता खत्म हो गयी है.
ब्रिटेन में नई संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के 650 सदस्यों के चुनाव के लिए 12 दिसम्बर को मतदान हुआ था. वर्ष 2016 में यूरोपीय संघ से अलग होने के मुद्दे पर हुए जनमत संग्रह के बाद ब्रिटेन में ब्रेक्जिट को लेकर गतिरोध बना हुआ था. 31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा तक ब्रेक्जिट लागू करने में नाकाम रहने के बाद प्रधानमंत्री जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी.
मौजूदा प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिज जॉनसन ने जनता से बहुमत देने की अपील की थी ताकि वह अगले महीने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने (ब्रेक्जिट) में तेजी ला सके. दूसरी तरफ जेरेमी कोरबेन के नेतृत्व वाली प्रमुख विपक्षी दल लेबर पार्टी ने ब्रेक्जिट पर नया जनमत संग्रह कराने का वायदा किया था. नतीजों के बाद जेरेमी कोरबेन ने लेबर पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया.

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच USMCA व्यापर समझौता, नाफ्टा का स्थान लेगा

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा ने मैक्सिको सिटी में 10 दिसम्बर को एक समझौते (United States–Mexico–Canada Agreement) पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता अब अंतिम अनुमोदन के लिए संबंधित देशों की संसद में भेजा जाएगा.
यह समझौता दो साल से अधिक समय तक चली सघन बातचीत के बाद हुआ है. यह नया समझौता 25 साल पुराने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) का स्थान लेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नाफ्टा की लगातार आलोचना करते आये हैं.
समझौते में श्रम सुधार, पर्यावरण संबंधी मसलों की निगरानी आदि को कठोर बनाने के प्रावधान शामिल किये गये हैं. इसमें औषधियों के सस्ते जेनेरिक संस्करणों की राह में बाधा बनने वाले प्रावधानों को भी दूर करने के उपाय किये गये हैं.
समझौते पर अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर, कनाडा की उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मैक्सिको के शीर्ष वार्ताकार जीसस सिएड ने हस्ताक्षर किये. मैक्सिको के राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.

उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) क्या है?

NAFTA, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (North American Free Trade Agreement का संक्षिप्त रूप है. यह एक व्यापार समझौता है जो मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच 1 जनवरी, 1994 से प्रभाव में आया था. इस संधि का उद्देश्य उपरोक्त तीन उत्तर अमेरिकी देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था.

विश्व की 100 सबसे पावरफुल महिला की फोर्ब्स की सूची जारी: निर्मला सीतारमण 34वें पायदान पर

प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स हाल ही में विश्व की 100 सबसे पावरफुल महिला की सूची जारी की है. इस सूची में भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 34वें पायदान पर स्थान दिया गया है. इस सूची में शामिल अन्य भारतीय में HCL कॉर्पोरेशन की सीईओ रोशनी नडार मल्होत्रा 54वें पायदान पर, बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ 65वें पायदान पर हैं.

निर्मला सीतारमण देश के पहली महिला वित्त और रक्षा मंत्री

निर्मला सीतारमण देश के पहली महिला वित्त मंत्री हैं. हालांकि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते हुए अपने पास कुछ समय के लिए वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रखी थी. इससे पहले वह देश की पहली महिला रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं.

एंगेला मर्केल पहले पायदान पर

जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल इस सूची में पहले पायदान पर हैं. वह पिछले 9 सालों से इस स्थान पर बनी हुई हैं. दूसरे पायदान पर यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रेसिडेंट क्रिस्टिन लेगार्ड हैं. अमेरिकी सांसद और स्पीकर नैंसी पलोसी इस सूची में तीसरे पायदान पर हैं.

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