Daily CA Dose : 26-12-2019

प्रधानमंत्री ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूजल के स्थायी प्रबंधन के लिए ‘अटल भूजल योजना’ का 25 दिसम्बर को शुभारंभ किया. केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत लोगों की भागीदारी से भूजल प्रबंधन और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाएगा. यह योजना पंचायतों के नेतृत्‍व में भूमि जल प्रबंधन को बढ़ावा देगी.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में छह हज़ार करोड़ रुपये की इस योजना को मंज़ूरी दी गयी थी. इसमें तीन हजार करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से मिलेंगे. तीन हजार करोड़ भारत सरकार देगी.

इसमें सात प्रदेशों के 8350 गांव चिन्हित

यह योजना देश के प्रत्‍येक परिवार को नल से जल की आपूर्ति की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम हैं. योजना के तहत गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आठ हजार तीन सौ पचास गांव चिन्हित किये गये हैं. चिन्हित क्षेत्रों में अगले पांच वर्ष के दौरान लागू की जाएगी.

‘जल जीवन मिशन’ के तहत सभी घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ‘जल जीवन मिशन के तहत’ वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. देश में अभी तक 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही नल से पानी पहुँचता है. सरकार ने अगले 5 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में 15 करोड़ घरों में पाइप के जरिए नल का पानी पहुंचाना है. इसके लिए अगले 5 सालों में केंद्र और राज्य सरकारें 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने वाले हैं.

जल जीवन मिशन और अटल जल योजना में अंतर

इस प्रकार ‘जल जीवन मिशन’ हर घर तक जल पहुंचाने का काम करेगा और ‘अटल जल योजना’ उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे गई है या तेजी से नीचे जा रही है.

किसानों की आमदनी बढ़ेगी

देश के कुल सिंचित भूमि में भू-जल का योगदान लगभग 65 प्रतिशत है. जबकि ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में इसका योगदान 85 प्रतिशत है. बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और ऑद्योगीकरण की वजह से देश के सीमित भू-जल संसाधन खतरे में है.
अटल भू-जल योजना के दो प्रमुख घटक हैं- पहला राज्यों में स्थायी भू-जल प्रबंधन के लिए संस्थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाने के साथ-साथ क्षमता निर्माण को भी मजबूत बनाना है. वहीं दूसरे घटक में भू-जल प्रबंधन उपायों को और बेहतर बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देना है.
अटल भू-जल योजना के जरिये उपलब्ध भू-जल संसाधनों का उचित उपयोग करने पर भी जोर दिया जायेगा. इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी.

रेलवे बोर्ड के संगठनात्‍मक पुनर्गठन को मंजूरी दी गयी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे बोर्ड के संगठनात्‍मक पुनर्गठन को मंजूरी दी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 24 दिसम्बर को इसकी जानकारी दी. श्री गोयल ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा सुधार कार्यक्रम है जिससे विभिन्‍न विभागों के कार्य में दोहरापन समाप्‍त होगा.

इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस का गठन

पुनर्गठन के तहत रेलवे बोर्ड में 8 की जगह अब सिर्फ 5 सदस्य होंगे. ये सदस्य ऑपरेशन, बिजनेस डिवेलपमेंट, ह्यूमेन रिसोर्सेज, इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइनैंस से होंगे. अलग-अलग 8 काडरों को मिलाकर एक काडर बनाया जाएगा, जिसका नाम ‘इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस’ होगा. नए बोर्ड के पांच सदस्य में चेयरमैन भी शामिल होंगे. चेयरमैन बोर्ड के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी भी होंगे. बोर्ड में चार सदस्‍य तथा कुछ स्‍वतंत्र सदस्‍य होंगे.
रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत एकीकृत सिस्टम काम करेगा. हाल ही में सरकार की ओर से गठित एक कमिटी ने रेलवे बोर्ड में अहम बदलाव का प्रस्ताव दिया था. सरकार का मानना है कि बोर्ड की अलग-अलग शाखा रहने से आपस में बेहतर तालमेल नहीं हो पाता था, जिससे रेलवे में योजनाओं के क्रियान्वयन में हमेशा बाधाएं आती रहीं.

रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों पर गठित समिति

सरकार समय-समय पर रेलवे मैनेजमेंट में सुधारों के लिए कई समितियों का गठन किया है. इस समितियों में प्रकाश टंडन कमिटी (1994), राकेश मोहन कमिटी (2001), सैम पित्रोदा कमिटी (2012) और बिबेक देबरॉय कमिटी (2012) ने भी सर्वेसेज के एकीकरण की सिफारिश की थी.

लंबी दूरी के लिए देश की पहली CNG बस सेवा की शुरुआत

केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय देश में पहली लंबी दूरी की CNG बस सेवा की शुरुआत की है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 24 दिसम्बर को इस बस सर्विस की शुरुआत की. यह CNG बस दिल्ली और देहरादून के बीच चलेगी. उत्तराखंड ने इस बस सर्विस के लिए IGL के साथ करार किया है.
आईजीएल ने अभी देहरादून के लिये 5 बसों की सेवा शुरू की है, जो आने वाले दिनों में अन्य शहरों तक भी अपनी पहुंच बनायेगा. लंबी दूरी की बस सेवा में CNG गैस की प्रचुरता होगी, जो एक बार में 800 से 1000 किलोमीटर की यात्रा कर सकेंगे.

इराक में नए चुनावी कानून को मंजूरी दी गयी

इराक की संसद ने में हाल ही में नए चुनावी कानून को मंजूरी दी है. संसद द्वारा पारित नए कानून से मतदाता पार्टी की सूची से सांसद चुनने के बजाय अलग से सांसदों का चुनाव करने का प्रावधान किया गया है. नए कानून से प्रत्येक संसद सदस्य किसी ग्रुप का प्रतिनिधित्व करने के स्थान पर विशेष निर्वाचक जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे.
इराक में चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए 1 अक्टूबर 2019 से प्रदर्शन हो रहे थे. प्रदर्शनकारियों की यह एक महत्वपूर्ण मांग थी. प्रदर्शनकारियों ने केवल नए चुनावी कानून की ही मांग नहीं की थी बल्कि पूरी सत्ता को हटाने का भी मांग किया था, जो विदेशी ताकतों के प्रभाव में काम कर रहे थे.
सामुहिक प्रदर्शनों से इराक में संकट पैदा हो गया था. प्रदर्शनकारी पूरी राजनीतिक प्रणाली को बदलने की मांग कर रहे थे. इराक में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और ज्यादातर इराकी नागरिक गरीबी में जीवन-यापन कर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश में ‘रोहतांग सुरंग’ का नाम ‘अटल सुरंग’ रखा गया

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में रोहतांग सुरंग (टनल) का नाम अटल सुरंग करने का निर्णय लिया है. इसकी घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर 25 दिसम्बर को की गयी.
इस सुरंग का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी ने ही शुरू करवाया था. इस सुरंग के शुरू हो जाने से मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी.

25 दिसंबर 2019: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती

25 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि “सदैव अटल” पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
उनका जन्‍म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. पहली बार 1996 में वे केवल 13 दिन तक प्रधानमंत्री रहे. दूसरा कार्यकाल 1998 से 1999 तक 11 महीने का रहा और इसके बाद 1999 से 2004 तक उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की. 2015 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया था.
श्री वाजपेयी के नेतृत्व में ही भारत ने 1998 में दूसरा पोखरण परमाणु परीक्षण किया था और परमाणु संपन्न देश के रूप में अपनी स्थिति सुदृढ कर ली थी.

पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती

25 दिसंबर 2019 को महान शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की भी जयंती है. भारत रत्न से अलंकृत महामना मदन मोहन मालवीय ने आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया. उन्होंने 1916 में वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.


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