Daily CA Dose : 28-11-2019

यूके की रॉयल एयरोनॉटिक्स सोसायटी ने DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी को सम्मानित किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी को यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयरोनॉटिक्स सोसायटी द्वारा फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. जी सतीश रेड्डी बीते पहले भारतीय वैज्ञानिक हैं जिन्हें इस फेलोशिप से सम्मानित किया गया है.
जी सतीश रेड्डी को स्वदेशी हथियारों के निर्माण, उनका विकास तथा सही स्थान पर उनकी तैनाती में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है.
जी सतीश रेड्डी को भारत में विविध मिसाइल प्रणाली के विकास, एयरोस्पेस व्हीकल, गाइडेड हथियार और एवियोनिक्स तकनीक का विकास करने के लिए जाने जाते हैं. वह DRDO के चेयरमैन (अध्यक्ष) के साथ-साथ रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा प्रक्षेपास्त्र एवं रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक भी हैं. उन्हें रॉकेट मैन भी कहा जाता है.

भारत नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा

भारत 2020 में नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा. इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को इसमें आमंत्रित किया गया है, जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं.
हिंद महासागर सहित अन्य इलाके के मित्र देशों के साथ सहयोग का संबंध बनाए के उद्देश्य से भारत सरकार इस सैन्य अभ्यास का आयोजन कर रही है.
इस सैन्य अभ्यास में जिन क्षेत्रों में सहयोग किया जाना है, उनमें क्षमता निर्माण, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, प्रशिक्षण, तकनीक, जल सर्वेक्षण और परिचालन अभ्यास आदि शामिल हैं.
जिन देशों को सैन्य अभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा गया है, उनमें इंडोनेशिया, फ्रांस, मोजांबिक, सूडान, इजरायल, कतर, थाईलैंड, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, सोमालिया, केन्या, मिस्र, श्रीलंका, वियतनाम, म्यांमार, न्यूजीलैंड, अमेरिका, तंजानिया, मालदीव, ब्रुनेई, फिलीपींस, जापान, यूनाइटेड किंग्डम, सऊदी अरब, ओमान, कंबोडिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, रूस, जिबूती और बहरीन आदि शामिल हैं.

संसद ने किन्‍नर संरक्षण और अधिकार विधेयक 2019 पारित किया

राज्‍यसभा ने 26 नवम्बर को ‘किन्‍नर संरक्षण और अधिकार विधेयक 2019’ ध्‍वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है.
यह विधेयक प्रत्‍येक किन्‍नर को अपने घर सहित अन्य जगहों पर रहने और परिवार में शामिल किए जाने का अधिकार देता है. यह विधेयक भर्ती और प्रोन्‍नति सहित रोजगार मामलों में भी उनके खिलाफ भेदभाव पर पाबंदी लगाता है.

ISRO ने निगरानी उपग्रह ‘कार्टोसैट-3’ सहित अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 27 नवम्बर को ‘कार्टोसैट-3’ सहित अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों (सैटलाइट्स) का प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण PSLV-C47 राकेट के माध्यम से किया गया. यह PSLV-C47 की यह 49वीं उड़ान थी. इस उड़ान में ‘कार्टोसैट-3’ सहित सभी उपग्रहों को उनके कक्षा (ऑर्बिट) में प्रक्षेपित किया गया.
यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च पैड से किया गया. ISRO का इस अंतरिक्ष केंद्र से यह 74वां प्रक्षेपण यान मिशन था. इस प्रक्षेपण में PSLV C47 राकेट ने कार्टोसैट-3 उपग्रह को 509 किलोमीटर के पोलर सन-सिन्क्रनस ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया.
कार्टोसैट-3 (Cartosat-3): एक दृष्टि
  • कार्टोसैट-3 धरती की निगरानी और मैप (एडवांस्ड रिमोट सेंसिंग) सैटलाइट है. इसे भारत की आंख भी कहा जा रहा है. यह 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की प्रक्रिमा करेगा.
  • ‘कार्टोसैट-3’ कार्टोसैट सीरीज का नौवां सैटलाइट है. इसका भार 1,625 किलोग्राम है. इसका जीवनकाल पांच वर्ष का होगा.
  • यह तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत असैन्य उपग्रह है जिसमें हाई रेजॉलूशन तस्वीर लेने की क्षमता है.
  • कार्टोसैट-3 का इस्तेमाल 3-डी मैपिंग, आपदा प्रबंधन, खेती, जल प्रबंधन, सीमा सुरक्षा, मौसम और असैन्य जानकारी जुटाने के लिए किया जायेगा.
  • 509 किलोमीटर की ऊंचाई से यह जमीन पर ऐसी दो चीजों में फर्क कर सकता है जिनके बीच की दूरी 25 सेंटिमीटर हो. यही नहीं जमीन से एक फुट ऊंची चीज को भी यह आसानी से पहचान सकता है.

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