DAILY CA DOSE : 20-11-2019


अमेरिका ने फलस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बनाने की इस्राइल की नीति का समर्थन किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृ्त्व में अमेरिका ने इजरायल के प्रति अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव किया है. ट्रम्प प्रशासन ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय की नीति को पलटते हुए इजराइल के वेस्ट बैंक और पूर्व येरुशलम पर कब्जे को मान्यता दी है.
इस बदलाव के तहत अमेरिका ने फलस्तीन में पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) पर बस्तियां बनाने के इस्राइल के अधिकार का समर्थन किया है. अमेरिका इसे अब अन्तर्राष्ट्रीय कानून के तहत असंगत रूप में नहीं देखता.
अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने 18 नवम्बर को घोषणा की कि अमरीका अब यह नहीं मानता कि फलस्तीनी क्षेत्र में इस्राइल की बस्तियां अवैध है. इन बस्तियों को बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कहने का कोई फायदा नहीं हुआ. इसकी वजह से शांति की कोशिशें भी नहीं हुई हैं.
अमेरिकी समर्थन पर प्रतिक्रिया
इस्राइल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमरीका का बयान ऐतिहासिक भूल में सुधार है. लेकिन फलस्तीन प्रशासन ने अमरीकी नीति में बदलाव की निंदा की है और इसे अन्तर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया है. इस बीच, यूरोपीय संघ ने फलस्तीनी क्षेत्र में बस्तियां बनाने की इस्राइल की नीति की आलोचना की है.
वेस्ट बैंक विवाद क्या है?
·          फिलीस्तीन और इजराइल के बीच वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम के हिस्से को लेकर दशकों से विवाद चल रहा है. दोनों देश इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर गोलियां और मिसाइलें दागते रहते हैं.
·          1967 के तीसरे अरब-इजराइल युद्ध में इजराइल ने अपने तीन पड़ोसी देशों सीरिया, मिस्र और जॉर्डन को हराया था. इसके बाद उसने वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम के बड़े हिस्से पर कब्जा कर 140 बस्तियां बना दी थीं.
·          इन क्षेत्रों में अभी करीब 6 लाख यहूदी रहते हैं. इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध करार दिया जाता है, हालांकि इजराइल ने इन्हें अपना हिस्सा मानता है.
·          फिलिस्तीनी लंबे समय से इन बस्तियों को हटाने की मांग कर रहा है. उनका कहना है कि वेस्ट बैंक में यहूदियों के रहने से उनका भविष्य में आजाद फिलिस्तीन का सपना पूरा नहीं हो पाएगा.
·          दरअसल फिलीस्तीन वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशेलम और गाजा पट्टी को साथ मिलाकर एक देश बनाना चाहता है. लेकिन इजराइल वेस्ट बैंक और पूर्वी येरूशेलम पर अपना दावा करता है.
·          इजराइल इस क्षेत्रों में यहूदियों की बस्ती का विस्तार कर उसे अपने अधिकार में लेना चाहता है. इजराइल की ओर से सिर्फ वेस्ट बैंक पर लाखों यहूदियों को बसाया जा चुका है. लेकिन इसी हिस्से में करीब 25 लाख फिलीस्तीनी लोग भी रहते हैं.
·          1978 में अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने फैसला लिया था कि वेस्ट बैंक में इजराइली बस्तियां अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन हैं. 2016 में संयुक्त राष्ट्र में इस पर एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें इजराइल के अवैध कब्जों को खत्म करने की मांग की गई थी. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस प्रस्ताव पर वीटो करने से इनकार कर दिया था.
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल् समारोह की स्वर्ण जयंती गोआ में आयोजित की जा रही है
गोआ में 20 से 28 नवंबर तक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल् समारोह (International Film Festival of India- IIFI) की स्वर्ण जयंती आयोजित की जा रही है. इस महोत्सव में 12 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की आशा है. इस उत्सव में दो सौ से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी. समारोह का उद्घाटन फयूजन ऑफ म्युजिक विषय से शुरू होगा.
इस समारोह मेंजॉगर्स पार्कऔरमीरामार बीचपर फिल्मों का प्रदर्शन होगा. जॉगर्स पार्क में हास् और इसी तरह की विधा से जुड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी, जबकि मीरामार बीच में भारतीय पेनोरमा वर्ग की चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन होगा. इन दो स्थानों पर कुल मिलाकर 14 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा.
इस अवसर पर दिखाई जाने वाली फिल्मों की सूची जारी कर दी गई है. ओपन एयर स्क्रीनिंग के तहत दिखाई जाने वाली पुरानी क्लासिक फिल्मों में पड़ोसन और चलती का नाम गाड़ी शामिल हैं. समारोह की थीम- “ जॉय ऑफ सिनेमाहै. इसमें हास् और इसी तरह की विधा से जुड़ी फिल्में दिखाई जाएंगी. ओपन एयर स्क्रीनिंग सभी के लिए है और यह निशुल् है. इसमें किसी तरह के पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.
महोत्सव के इस स्वर्ण जयंती संस्करण के दौरान अमिताभ बच्चन और रजनीकांत को सम्मानित किया जाएगा. फ्रांस की अभिनेत्री इसाबले ह्यूपर्ट को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया जाएगा.

19 नवंबर: विश् शौचालय दिवस
प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश् शौचालय दिवस (World Toilet Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मानाने का उद्देश्य शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वच्छता को वैश्विक विकास की प्राथमिकता बनाना है.
संयुक् राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2001 में विश् शौचालय दिवस मानाने शुरुआत की थी. यह दिन विश् में सफाई की समस्याओं के प्रति कदम उठाने की दिशा में हमें प्रेरित करता है.
मानव मल से जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और इसके लिए शौचालय का प्रयोग जरूरी है. आज विश् में लगभग 450 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय नहीं है. इसे देखते हुए समावेशी विकास के लक्ष्यों के तहत वर्ष 2030 तक हर घर में शौचालय का लक्ष् निर्धारित किया गया है.



Ⓒ 2019. JMS Classes Raisinghnagar
✆ 9667070111

Designed By : Satnam Gill