Daily CA Dose : 14-11-2019

सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना के अधिकार के अंतर्गत माना
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधान न्यायाधीश (CJI) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत माना है. कोर्ट ने 13 नवम्बर को दिए अपने निर्णय में इस मामले में 2010 में दिए गये दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.

अदालत के फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा. हालांकि, इस दौरान दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी. अदालत ने कहा कि सूचना देने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होती.
सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)
·          भारतीय संसद ने 15 जून, 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) पारित किया था और 12 अक्टूबर 2005 को लागू कर दिया गया था.
·          RTI का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार. इसके तहत सरकारी विभागों को नागरिकों द्वारा मांगी गयी सूचना का जवाब निश्चित समय के भीतर देना पड़ता है.
·          RTI अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता का बढ़ावा देना सरकारी विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है.

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा के 17 अयोग्य विधायकों को चुनाव लड़ने की छूट दी
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के 17 विधायकों की अयोग्यता के फैसले पर 13 नवम्बर को अपना फैसला सुनाया. अपने फैसले में न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले को सही ठहराते हुए उसे बरकरार रखा है, साथ ही अयोग्य विधायकों को चुनाव लड़ने की भी इजाजत दे दी है.
न्यायमूर्ति एनवी रमना, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष् मुरारी की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि यदि इस चुनाव में अयोग् घोषित किए गए विधायक चुनाव जीतते हैं तो वे मंत्री या लोक अधिकारी हो सकते हैं.
जुलाई 2019 में कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कांग्रेस और जनता दल एस की शिकायत के आधार पर 17 विधायकों को अयोग् करार दिया था. ये विधायक विधानसभा में विश्वास मत के दौरान सदन से अनुपस्थित रहे थे, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी सदन में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उसके भाजपा विधायक दल के नेता येदियुरप्पा के नेतृत्व में कर्नाटक में सरकार बनी थी.

प्रविंद जगन्नाथ ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली
प्रविंद जगन्नाथ ने 12 नवम्बर को मॉरीशस के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. वह अगले पांच साल और पद पर बने रहेंगे. प्रविंद ने अपने पिता के पद छोड़ने के बाद 2017 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था.
हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में उनकी सत्तारूढ़ मिलिटेंट सोशलिस्ट मूवमेंट (MSM) पार्टी ने आधी से ज्यादा संसदीय सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव में MSM ने 62 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसकी प्रतिद्वंदी लेबर पार्टी और मॉरीशियन मिलिटेंट मूवमेंट (MMM) ने क्रमश: 13 और 9 सीटें हासिल की थी.
इस चुनाव में देश के 13 लाख लोगों के बीच धन का निष्पक्ष वितरण एक अहम मुद्दा था. प्रधानमंत्री प्रविंद पहले ही धन वितरण सुधारने के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू कर चुके हैं.
मॉरीशस: एक दृष्टि
·          मॉरीशस गणराज्य (Republic of Mauritius), हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है. मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुईस में स्थित है.
·          मारीशस पहले फ्रांस के आधीन और बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में था. मॉरीशस ने 1968 में स्वतंत्रता प्राप्त की और देश सन् 1992 में एक गणतंत्र बना.
·          मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है.

भारत शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की मेजबानी करेगा
भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्रप्रमुखों की 19वीं परिषद की 2020 में मेजबानी करेगा. SCO के महासचिव व्लादिमिर नोरोव ने 12 नवम्बर को इसकी घोषणा की.
SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 18वीं परिषद का आयोजन हाल ही में ताशकंद में किया गया था. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया था. बैठक में SCO सदस्य देशों ने 2020 में भारत द्वारा मेजबानी का प्रस्ताव रखा जिसे भारत ने स्वीकार किया.
भारत SCO में 2017 में शामिल हुआ था. यह पहला मौका होगा जब भारत इसकी मेजबानी करेगा. इसके अन्य सदस्य देशों में पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने द्वितीय पेरिस शांति मंच की बैठक में हिस्सा लिया
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने 12 नवम्बर को द्वितीय पेरिस शांति मंच की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में भारत ने डिजिटल क्षेत्र में आंतकवादी और उग्रवादी ताकतों की पहुंच रोकने के लिए समन्वित वैश्विक कार्रवाई की अपील की.
विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक में दुनिया के सभी देशों को साइबर और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तुरन् एकजुट कार्रवाई की बात कही.
भारत ने आंतकवाद और उग्रवाद से निपटने तथा इंटरनेट सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी पहल के लिए फ्रांस, न्यूजीलैंड, कनाडा और कई अन् देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमतिव्यक् की.
पेरिस शांति मंच में विदेश मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों के साथ भी बातचीत की और महत्वपूर्ण कार्यनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

13 नवम्बर: विश्व दयालुता दिवस
प्रत्येक वर्ष 13 नवम्बर कोविश्व दयालुता दिवस’ (World Kindness Day) मनाया जाता है. इस दिन लोग समाज में दया एवं करुणा से प्रेरित कार्यों के प्रसार और उनके प्रति प्रतिबद्धता की शपथ लेते हैं.
इस वर्ष यानी 2019 में विश्व दयालुता दिवस का विषय (थीम) empathy, encouraging people across the globe to better understand “the pains of others” and touch their lives “positively” हैं.
विश्व दयालुता दिवस की शुरुआत 1998 में वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट संगठन द्वारा की गई थी. वर्तमान में, वर्ल्ड किंडनेस मूवमेंट में 28 से अधिक राष्ट्र शामिल हैं जिनका किसी भी धर्म या राजनीतिक मूवमेंट से संबद्ध नहीं है.


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