मुहावरे और अर्थ

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मुहावरे (Muhavare) भाषा को सहज और रुचिकर बनाने वाले वाक्यांश होते हैं| मुहावरों को कहावतें और लोकोक्तियाँ भी कहते हैं इनका इस्तेमाल भाषा में व्यंग के रूप में किया जाता है| मुहावरों का शाब्दिक अर्थ बहुत सरल होता है लेकिन इनका भावार्थ बहुत गूढ़ होता है| मुहावरों को उनके भावार्थ के आधार पर ही प्रयोग किया जाता है|
मुहावरे और कहावतें एक उदाहरण की तरह होती हैं जिनको भाषा में इस्तेमाल करके हम कठिन बातों को भी बड़ी सहजता के साथ दूसरों को समझा सकते हैं| आइये कुछ मुहावरे पढ़ते हैं और उनका अर्थ समझते हैं –
Sr. No.हिंदी मुहावरेअर्थवाक्य में प्रयोग
1अपने पाँव में आप कुल्हाड़ी मारनाजानबूझकर मुसीबत में पड़नातुमने तो अपने पाँव में आप ही कुल्हाडी मारी है, अब मुझे क्यों दोष देते हो?
2अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकानाअलग रहनाकुछ वर्ष पहले पाकिस्तान अढ़ाई चावल की खिचडी अलग पका रहा था|
3अपना सा मुँह लेकर रह जानाकिसी काम में असफल होने पर लज्जित होनाजब वह निर्दोष श्याम को मुकदमे में नहीं फसा सका तो अपना सा मुँह लेकर रह गया|
4अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बननाअपनी बड़ाई आप करनाअपने मुँह मियाँ मिट्लू बननेवाले को समाज में इज्जत नहीं मिलती|
5अरमान निकालनाहौसला पूरा करनाबेटें की शादी में बाबू साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले||

6अरमान रहना (या रह जाना)इच्छा पूरी न होनाइकलौते बेटे के अचानक मर जाने से उस गरीब के सारे अरमान रह गये|
7आँख उठाकर न देखनाध्यान न देना, तिरस्कार करनामैं उनके पास काम के लिए गया था, परंतु उन्होंने मुझे आँख उठाकर भी न देखा|
8आँख का काँटा होनाखटकना, शत्रु होनाअपनी काली करतूतों के कारण वह पड़ोसियों की आँख का काँटा हो गया है|
9आँख का काजल चुरानासफाई के साथ चोरी करनाइतने लोगों के बीच से घड़ी गायब ! चोर ने तो जैसे ऑखों का काजल ही चुरा लिया है
10आँख का तारा, आँख की पुतलीबहुत प्यारायह बच्चा मेरी आँखों का तारा है|

11आँख दिखानाक्रोध से देखना, रोकना, धमकानागलती भी करते हो और ऊपर से ऑखें भी दिखाते हो|
12आँखों में धूल झोंकनासरे आम धोखा देनापरीक्षक की आँखों में धूल झोंककर कुछ विद्यार्थी अच्छे अंक तो पा जाते हैं, परंतु इससे उन्हें जीवन में सफलता नहीं मिलती
13आँखों पर चढ़नापसंद आ जाना, किसी चीज के लिए लोभ होनातुम्हारी घड़ी चोर की आँखों पर चढ़ गयी थी, इसलिए मौका पाते ही उसने चुरा ली|
14आखें फेर लेनापहले जैसा व्यवहार न रखनाजब से उसे अफसरी मिली है, उसने माँ बाप, यार दोस्त सबसे आँखें फेर ली है
15ऑखें बिछानाप्रेम से स्वागत करना, बाट जोहनातुम्हारी राह में आँखें बिछाये कय से बैठा हूँ तुम जल्द आ जाओ
16आँख में पानी न होनाबेहया, बेशर्म होनाबेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता
17आँखों में खून उतरनाअत्यधिक क्रोध होनाजयचंद को देखते ही महाराज पृथ्वीराज की आँखों में खून उतर आया
18आँखों में गड़ना (या चुभना)बुरा लगना, पसंद आनातुम्हारी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है, इसे तुम मुझे दे दी
19आँखों में चरबी छानाघमंड होनादौलत हाथ में आते ही उसकी आँखों में चरबी छा गयी और वह अपने रिश्तेदारों से बुरा व्यवहार करने लगा
20आँखे लाल करनाक्रोध से देखनाआँखें लाल मत करो, इससे मैं डरनेवाला नहीं

21आँखे सेंकनादर्शन का सुख उठानाबहुत से नवयुवक तो मेले ठेले में सिर्फ आँखे सेंकने ही आते हैं
22आँच न आने देनाथोड़ा भी आघात न होने देनाइस झमेले में मेरे दोस्त रवि ने मुझ पर जरा सी भी आँच न आने दी
23आटे दाल का भाव मालूम होनाकठिनाइयों का ज्ञान होनातुम्हारे ऊपर जब जिम्मेवारियाँ आयेंगी तभी तुम्हें ऑटे दाल का भाव मालूम होगा
24आँसू पीकर रह जानादु:ख अपमान को बर्दास्त कर लेनासबके सामने जली कटी सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया
25आकाश के तारे तोड़ लानाअसंभव काम करनातुम्हें नौकरी क्या मिली, लगता है आकाश के तारे तोड़ लाये हो
26आकाश पाताल एक करनाखूब परिश्रम करनातुम्हें नौकरी दिलाने के लिए विकास ने आकाश पाताल एक कर दिया था
27आग पर पानी डालनाशांत करनादोनों मित्रों के बीच काफी गरमा गरमी हो गयी थी, पर दीदी की बातों ने आग पर पानी डाल दिया
28आग में घी डालनाझगड़ा बढ़ानारमेश, तुम गोवर्धन की बातों में मत आना, उसका तो काम ही है आग में घी डालना
29आग में कूदनाजानबूझकर मुसीबत में पड़नासाहसी व्यक्ति खतरों से डरते नहीं, वे आग में भी कूद पड़ते हैं
30आग बबूला होनाबहुत क्रुध होनाराम की अनाप शनाप बातें सुनकर मोहन आग बबूला हो गया

31आग लगने पर कुआँ खोदनाविपत्ति आ जाने पर प्रतिकार का उपाय खोजनाबीमारी की इस अंतिम अवस्था में दूर शहर से डॉक्टर बुलाने की बात सोचना आग लगने पर कुआँ खोदने जैसा है
32आटा गीला करनाघाटा लगानाऔने पौने दामों में इन्हें बेचकर क्यों अपना आटा गीला कर रहे हो ?
33आधा तीतर आधा बटेरबेमेल, बेढंगापश्चिमी सभ्यता ने भारतीय सभ्यता संस्कृति को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया है
34आपे से बाहर होनाक्रोधित होनाइतनी सी बात प ही मास्टर साहब आपे से बाहर
35आबरू पर पानी फिरनाप्रतिष्ठा नष्ट होनातुम्हारी बेवकूफी के कारण ही मेरी आबरू पर पानी फिर गया
36आवाज उठानाविरोध करनासरकार के खिलाफ आवाज उठाना एक साधारण बात हो गयी है
37आसमान सिर पर उठानाउपद्रव करनाइतनी छोटी सी बात पर उसने आसमान सिर पर उठा लिया था
38आसमान से बातें करनाबहुत ऊँचा होनादेवघर के मंदिर का शिखर आसमान से बातें कर रहा है
39आस्तीन का साँपमित्र के रूप में शत्रुउस पर कभी भरोसा मत करना, वह तो आस्तीन का साँप है
40इधर उधर करनाटालमटोल करनाअब ज्यादा इधर उधर करना बंद करो, चुपचाप मेरी पुस्तक मुझे लौटा दो
41इधर की दुनिया उधर होनाअनहोनी बात होनाचाहे इधर की दुनिया उधर हो जाय, मैं तुम्हारे यहाँ नहीं जानेवाला हूँ
42इधर की उधर करनाचुगली करनाउसके सामने यह सब क्यों कहते हो ? उसकी तो आदत ही है इधर की उधर करने की
43ईट से ईट बजानअंतिम दम तक लड़ना, बर्बाद करनामैं उसकी ईंट से ईट बजा ट्रॅगा, पर हार नहीं मानूगा
44ईंट का जवाब पत्थर से देनादुष्टों के साथ दुष्टता का व्यवहार करनावे लोग हमारे आदमियों को पीटकर तीसमार खाँ बने घूमते हैं, पर यह नहीं जानते कि हमें भी ईंट का जवाब पत्थर से देना आता है
45ईद (दूज) का चाँद होनामुश्किल से दिखाई देनाबहुत दिनों से मिले नहीं मोहन, तुम तो आजकल ईद का चाँद हो गये हो
46उड़ती खबरअफवाहयह उड़ती खबर है, इस पर विश्वास पत करना
47उल्लू का पट्ठानिरा बेवकूफउस जैसा उल्लू का पट्ठा भी कहीं अक्ल से काम लती हैं |
48उल्लू बनानाबेवकूफ बनानाउसे तुम उल्लू नहीं बना सकते, वह बड़ा चतुर है
49उल्लू सीधा करनाकाम निकालनानेताजी की खुशामद करके आखिर उसने अपना उल्लू सीधा कर ही लिया
50उधेड़बुन में पड़नासोच विचार में पड़नाअचानक किसी समस्या के आ जाने पर कोई भी व्यक्ति उधेड़ बन में पड़ जाता है

51उल्टी गंगा बहानाअसंभव काम करनाइस गदहे को पढ़ाना उल्टी गंगा बहाने के समान है
52उल्टे अस्तुरे से मूड़नामूर्ख बनाकर ठगनाउस ठग ने आज मुझे उल्टे अस्तुरे से मूड़ लिया
53उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़नाथोड़ा सा लेकर पूरा लेने की इच्छा करना‘मोहनलाल से सावधान रहना ही अच्छा है, वह उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़नेवाला आदमी है
54उँगली पर नचानावश में करनाआपके अधीन हूँ इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर समय मुझे ऊँगली पर नचाते रहें
55न उधी का लेना न माधो का देनाकिसी से कोई संबंध नहीं रखनाचाहे जो कहो, श्याम है खरा आदमी वह न ऊधी का लेता है न माधी को देता है
56एँड़ी चोटी का पसीना एक करनाबहुत मेहनत करनाइस काम को समय पर पूरा करने के लिए उसे एँड़ी चोटी का पसीना एक करना पड़ा है
57एक आँख न भानाजरा भी अच्छा न लगनाअपनी बेटी के साथ तुम्हारा ऐसा दुव्र्यवहार मुझे एक आँख भी नहीं भाता है
58एक एक ग्यारह होनाएकता के सूत्र में बँधकर शक्तिशाली होनाशत्रुओं ने दोनों भाइयों को खूब सताया, लेकिन अब वे दोनों भाई मिलकर एक एक ग्यारह हो गये हैं अब वे अपने शत्रुओं का डटकर मुकाबला करेंगे
59एक टाँग (पैर) पर खड़ा रहनाकाम करने के लिए सदा तैयार रहनाजब तक बहन की शादी सम्पन्न नहीं हुई, भूषण एक टाँग पर खड़ा रहा
60एक लाठी से हाँकनासबके साथ एकसमान व्यवहार करनासबको एक लाठी से हाँकना बुद्धिमानी नहीं है
61एक हाथ से ताली न बजनाबिना सहयोग के काम का नहीं होनाएक हाथ से ताली नहीं बजती, गलती दोनों ने की है
62ऐसी तैसी करनाबेइज्जत करनासब के सामने ही देवेंद्र ने अपने बड़े भाई की ऐसी तैसी कर दी
63ओखल में सिर देनाजान बूझकर मुसीबत में पड़नाजब ओखल में सिर दे दिया है, तब मूसल की क्या परवाह
64औधी खोपड़ी का होनामूर्ख होनाउसे समझाना ही बेकार है, वह बिल्कुल औधी खोपड़ी का आदमी है
65औधे मुँह गिरनाबुरी तरह धोखा खानाइस बार की खरीदारी में बेचारे की एक न चली, उलटे वह औधे मुँह गिरा
66कटक बननाबाधक होनातुम तो मेरे हर काम में कटक बन जाते हो
67ककड़ी खीरा समझनामहत्वहीन समझनावे गरीब हैं तो क्या हुआ, आदमी तो हैं, उन्हें तुम ककड़ी खीरा मत समझा करो
68कटे (जले ) पर नमक छिड़कनादु:ख बढ़ानाबेचारी एक तो ऐसे ही दुखों से
69कफन सिर से बाँधनामौत या खतरे की परवाह नहीं करलाबहुतेरे नवयुद्ध कफन सिर से बाँधकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे
70कमर कसनातैयार होनायदि युद्ध में विजय चाहते हो तो मरने मारने के लिए कमर कस लो
71कमर टूटनाउत्साहहीन होना, असहाय होनासीमा संघर्ष में अपने सैनिक साज सामान को बर्बाद होते देखकर पाकिस्तानी फौज की कमर ही टूट गयी
72कलेजा का टुकड़ाबहुत प्यारासौमित्र अपनी माँ के कलेजे का टुकड़ा था
73कलेजा चीरकर दिखानापूरा विश्वास देना, कोई कपट न रखनातुम्हारे लिए दिल में कितना प्यार है, यह मैं कलेजा चीरकर दिखा सकता हूँ
74कलेजा टूक टूक होनाबहुत दु:ख होनाकैकेयी की बात सुनते ही महाराज दशरथ का कलेजा टूक टूक हो गया
75कलेजा ठंढा होनासंतोष होनाराम के वन जाते ही दासी मंथरा का कलेजा ठंढा हा गया
76कलेजा थामकर रहनामन मसोसकर रहनापरशुराम की जली कटी बातें सुनकर लक्ष्मण को बहुत क्रोध हुआ, किंतु श्री राम के समझाने बुझाने पर वे कलेजा थामकर रह गये
77कलेजा निकालकर रख देनासच्ची बात कह देनामैंने कलेजा निकालकर रख दिया, फिर भी तुम्हें विश्वास नहीं होता ?
78कलेजा मुँह को आनाघबरानाउसकी विपत्ति की कहानी सुनकर कलेजा मुँह को आ जाता है
79कलेजे पर साँप लोटनाईष्या या जलन होनामेरी तरक्की देखकर उसके कलेजे पर साँप लौट गया है, इसलिए उसने मेरे बारे में गलत प्रचार करना शुरू कर दिया है
80काठ की हाँड़ीअस्थायी चीजइस बार तो तुम्हारी चाल सफल हो गयी, लेकिन काठ की हाँडी बार बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती
81कान ऐंठनासुधरने की प्रतिज्ञा करनामैं कान ऐंठता हूँ कि अब ऐसे गलत काम कभी नहीं करूंगा
82कान काटनामात करनाबुद्धि में तो वह वृहस्पति के भी कान काटता है
83कान पर जूं न रेंगनाकुछ भी ध्यान न देनामैं इतनी देर से चिल्ला रहा हूँ, लेकिन तुम्हारे कान पर जू तक नहीं रेंगती
84कान भरनाशिकायत करनाआज कई दिनों से वह मुझसे बात तक नहीं करता, लगता है कि किसी ने मेरे विरुद्ध उसके कान भर दिये हैं
85कान में तेल डालकर बैठनाध्यान न देनाइतनी देर से बुला रहा था, लेकिन तुम तो कान में तेल डालकर बैठे थे
86काम आनावीरगति को प्राप्त होनानेप्फा की लड़ाई में चीन के बहुतेरे सिपाही काम आये
87काम तमाम करनामार डालनाशिवाजी ने अपने बघनखे से अफजल खाँ का काम तमाम कर दिया
88कीचड़ उछालनानिंदा करना, बदनाम करनाभले आदमियों पर व्यर्थ कीचड़ उछालने की तो उसकी पुरानी आदत है
89कील काँटे से दुरुस्त होनाअच्छी तरह से तैयार होनाआज मैं अपना काम पूरा था किये बगैर नहीं रहूँगा, क्योंकि आज मैं कील काँटे से दुरुस्त होकर आया हूँ
90कुएँ में भाँग पड़नासब की बुद्धि मारी जानाकिस किस को समझाया जाय यहाँ तो कुएँ में ही भाँग पड़ी है
91कुत्ते की मौत मरनाबुरी तरह मरनाअगर तुम्हारी ऐसी ही आदतें बनी रहीं, तो तुम कुत्ते की मौत मरोगे
92कुम्हड़े की बतियाकमजोर आदमीरमेश ने नरेश को बिल्कुल कुम्हड़े की बतिया ही समझ लिया है, बात बात में उसे धमकाते रहता है
93कुहराम मचानाखूब रोना पीटनाबंगाली बाबू की मौत की खबर आते ही उनके घर में कुहराम मच गया
94कौड़ी का तीन होनाबहुत सस्ता होना, बेकदर होनातुम जैसे आवारा के साथ रहकर वह भी कौड़ी का तीन हो गया
95खबर लेनादंड देना, देखभाल करनारामप्रसाद, तुम्हारी काफी शिकायतें सुनने को मिल रही हैं, आज शाम को मैं तुम्हारी खबर लुंगा
96खाक उड़ाते फिरनाभटकनाअपनी सारी जमा पूँजी बर्बाद करके अब वह खाक उड़ाते फिर रहा है
97खाक में मिलनाबर्बाद हो जानाखुदा की बुराई करोगे तो खाक में मिल जाओगे
98खिलखिला पड़नाखुश होना, खुलकर हँस पड़नाखिलौनों को देखते ही गुड़िया रानी खिलखिला पडी
99खुशामदी टट्टू होनाचापलूस होनातुम्हारी क्या तुम तो खुशामदी टट्टू हो, किसी न किसी तरह अपना काम करवा ही लोगे
100खून की नदी बहानाबहुत मार काट करनाक्रूर नादिरशाह ने दिल्ली में खून की नदी बहा दी थी

101खून खौलनाबहुत क्रोध होनादु:शासन द्वारा द्रौपदी को अपमानित होते देखकर भीम का खून खौलने लगा
102खेत आनालड़ाई में मारा जाना1971 के युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिक खेत आये
103ख्याली पुलाव पकानाबेसिर पैर की बातें करना, असंभवं बातें सोचनाकुछ काम भी करोगे या सिर्फ ख्याली पुलाव ही पकाते रहोगे ?
104गड़े मुर्दे उखाड़नापुरानी बातें सामने लानामेरा काम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं है, लेकिन पूरी बात समझाने के लिएँ इस घटना का इतिहास तो मुझे बताना ही होगा
105गड्ढे खोदनादूसरे के नुकसान के लिए जाल बिछानाजो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है, वह उसमें खुद गिरता है
106गहरी छननागाढ़ी मित्रता होनाइन दिनों राम और श्याम में गहरी छन रही है
107गाँठ बाँधनाअच्छी तरह याद रखनापिताजी की सीख गाँठ बाँध लो, नहीं तो बाद में बहुत पछताओगे गाँठ का पूरा होना
108गिरगिट की तरह रंग बदलनाबहुत जल्दी जल्दी विचार बदलनाउसकी बात का क्या भरोसा ? वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता रहता है
109गुड़ गोबर करनाबना बनाया काम बिगाड़ देनाबड़ी मुश्किल से मैंने उसे इस काम के लिए तैयार किया था, लेकिन तुम्हीं ने आकर सारा गुड गोबर कर दिया
110गुल खिलानाअनोखे काम करनाऐन मौके पर उसने ऐसा गुल खिलाया कि लोगों के होश गुम हो गये
111गाजर मूली समझनाछोटा या कमजोर समझनाहम अपने दुश्मनों को गाजर मूली समझते हैं
112गोटी लाल होनालाभ होनातुम्हारी क्या, अब तो तुम्हारी गोटी लाल हो रही है
113गोली मारनाउपेक्षा से त्याग देनाबेकार की बातों की गोली मरो, अपने काम में मन लगाओ
114गोलमाल करनागड़बड़ करनाबड़ा बाबू आफिस में बहुत दिनों से कुछ गोलमाल कर रहे थे, आज पकड़ में आये हैं
115घड़ों पानी पड़ जानाअत्यधिक शर्मिदा होनाउसने काम ही ऐसा किया है कि जब भी मैं उसकी चर्चा करता हूँ, मूझ पर घड़ों पानी पड़ जाता है
116घर का न घाट काएकदम बेकार, अनुपयोगीइधर नौकरी छूटी उधर पिताजी का साया सिर से उठ गया, बेचारा अभय अब न तो घर का रहा न घाट का
117घाट घाट का पानी पीनाबहुत अनुभवी होनारघु को ठगना आसान नहीं, वह घाट घाट का पानी पी चुका है
118घुटना टेक देनाहार मान लेनाभारत के स्वतंत्रता आंदोलन से परेशान होकर ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के आगे घुटने टेक दिये
119घुला घुला कर मारनापरेशान करके मारनाकठोरहृदया सास ने बेचारी रमा बहू को घुला घुला कर मार डाला
120घोड़ा बेचकर सोनानिश्चित होकर सोनावह तो बिल्कुल बेखबर था, जैसे घोड़ा बेचकर सोया हो
121चंगुल में आना (पड़ना)काबू में आनाउसे पहले मेरे चंगुल में पड़ने दो, फिर देखना कैसा मजा चखाता हूँ
122चडाल चौकड़ीदुष्टों का दल, मनचलों का जमघटवह तो अपनी चंडाल चौकड़ी में ही मस्त है, मेरी क्या खाक सुनेगा ?
123चक्कर में डालनापरेशान करनाउसने मुझसे रुपये लेकर मुझे चक्कर में डाल दिया
124चक्कर में आनाधोखा खानान जाने कैसे वह उस धूर्त के चक्कर में आ गया
125चकमा देनाठगनानंदलाल से सावधान रहना, वह तुम्हें भी चकमा दे सकता है
126चल निकलनाप्रसिद्ध होना, जम जानाइन दिनों चुस्त पोशाक का फैशन खूब चल निकला है
127चाँदी काटनाखूब कमाना, मौज करनागल्ले के व्यापार में वे खूब चाँदी काट रहे हैं
128चाँदी का जूता मारनाघूस देनाइस युग में जिसे भी चाँदी का जूता मारोगे, वही तुम्हारा काम कर देगा
129छाती पर मूंग दलनाकिसी के सामने ही ऐसी बात कहना, जिससे उसका जी दुखेंजितना जी चाहे मुझे सता लो, लेकिन मैं जबतक जिंदा रहूँगी, तुम्हारी छाती पर मूंग दलती रहूँगी
130छाती पर साँप लोटनाईष्या या जलन होनादूसरे की तरक्की देख्कर उसकी छाती पर साँप लौटने लगता है
131छान बीन करनापूछताछ या जाँच करनाबहुत छान बीन करने पर भी पुलिस चोरी का सुराग नहीं पा सकी
132छीछालेदर करनाहँसी उड़ाना, दुर्गति करनाआज की सभा में रामदेव बाबू ने नेताओं की खूब छीछालेदर की
133छू मंतर होनाभाग जानापुलिस को देखते ही सारे जुआड़ी छू मंतर हो गये
134जंजाल में फसनाझंझट में पड़नाबेचारा घर गृहस्थी के जंजाल में फस गया है, अब भजन कीर्तन के लिए उसे समय कहाँ मिलता है
135जख्म (जले ) पर नमक छिड़कनादु:ख पर दु:ख देनाइन गरीबों पर और अत्याचार करके उनके जख्म (जले) पर नमक मत छिडकी
136जड़ उखाड़नासमूल नाश करनागाँधीजी के सत्याग्रह ने ब्रिटिश साम्राज्य की भारत से जड़ उखाड़ दी
137जबानी जमा खर्च करनाकेवल बात करना, कुछ काम न करनाकेवल जबानी जमा खर्च मत करो, कुछ काम भी किया करो
138जमीन आसमान एक करनाबहुत बड़े बड़े उपाय करनाचुनावों में सफलता पाने के लिए उन्होंने जमीन आसमान एक कर दिया था
139जमीन पर नाक रगड़नापछताना, माफी माँगनाआज चाहे जितना अकड़ लो कल तो जमीन पर नाक रगड़ोगे ही
140जमीन पर पैर न रखनाबहुत घमंड करनाआजादजी जब से मंत्री बने हैं, जमीन पर पैर नहीं रखते
141जलती आग में घी डालनालड़ाई बढ़ानाचैन सिंह को तो मुझसे पुरानी दुश्मनी थी ही, लेकिन तुमने उसे इस बात की याद दिलाकर जलती आग में घी डाल दिया है
142जली कटी सुनानाडॉट फटकार करनागुस्सा तो मुझे बहुत दिनों से था, लेकिन कल ही वे पकड़ में आये और मैंने उन्हें खूब जली कटी सुना दी
143जहर का घूंट पीनाक्रोध को दबा लेनाउसके दुव्यवहार पर मुझे गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि जहर का घूंट पीकर रह जाना पडा
144जी की जी में रहनाइच्छा अधूरी रहनामैंने अपने बेटे को खूब पढ़ाना लिखाना चाहा था, लेकिन पैसे के अभाव में मेरी जी की जी में रह गयी
145जी नहीं भरनासंतोष नहीं होनाधन चाहे जितना भी मिले, पर इससे किसी का जी नहीं भरता
146जी भर आनादया होनागरीबों को देखकर जिसका जी भर आये, वही सच्चा महात्मा है
147जीती मक्खी निगलनासरासर बेईमानी करनावह ऐसा घाघ है कि आँखों के सामने ही जीती मक्खी निगल जाता है और किसी को पता तक नहीं चलता
148जीवन दान बननाजीवन की रक्षा करनाडॉक्टर की दवा रोगी के लिए जीवन दान बन गयी
149जूतियाँ सीधी करनाबहुत खुशामद करनायदि तुम्हें उनसे अपना काम निकालना है, तो उनकी जूतियाँ सीधी किया करो
150जोर लगानाबल प्रयोग करनारावण ने बहुत जोर लगाया, लेकिन शिव धनुष टस से मस न हुआ
151झक मारनाविवश होना, व्यर्थ समय बितानाउसके पास मुझे सहायता के लिए झक मारकर जाना पडा
152झाँसा देनाधोखा देनालखिया ने झाँसा देकर मेरे बेटे की घड़ी हथिया ली
153झाड़ फेरनामान नष्ट करनाएक नीच आदमी से रिश्ता जोड़कर तुमने पूरे परिवार की मर्यादी पर झाड़ फेर दिया है
154झाड़ मारनातिरस्कार करना, दूर हटाना – जरा सी बात पर माँ ने उसे झाड़ मारकर बाहर निकाल दिया झूठ का पुल बाँधनाबहुत झूठ बोलना – सच्ची सच्ची बात ही कह दो, अब झूठ का पुल बाँधने से क्या फायदा ?
155टक्कर लेनामुकाबला करनातबला वादन में कंठे महाराज से टक्कर लेना आसान नहीं था
156टका सा जवाब देनाइनकार कर देनामैं नौकरी के लिए बड़ी आशा लेकर गया था, लेकिन सेठजी ने टका सा जवाब दे दिया
157टका सा मुँह लेकर रह जानाशर्मिदा होनापिताजी के पहुँचते ही जुआरी गजाधर टका सा मुँह लेकर रह गया
158टट्टी की ओट में शिकार खेलनाछिपकर गलत काम करनाआजकल के नेता टट्टी की ओट में शिकार खेलना खूब जानते हैं
159टस से मस ना होनाथोड़ा सा भी न हिलनाउसे बहुत प्रलोभन दिया गया, लेकिन वह अपनी बात से टस से मस न हुआ
160टाएँ टाएँ फिस होनाअसफल हो जानाउसने योजना तो खूब सोच समझकर बनायी थी, लेकिन वह टाएँ टाएँ फिस हो गयी
161टाल मटोल करनाबहाने करनाअगर मेरे रुपये वापस करना है, तो कर दो, टाल मटोल करके मुझे व्यर्थ परेशान मत करो
162टूट पड़नावेग से धावा बोलनाशिवाजी के सैनिक अचानक बगल की पहाड़ी से निकलकर मुगल फौज पर टूट पड़े
163टाँग अड़ानादखल देना, अडचन डालनाहर बात में टाँग अडाना मूखों का ही काम है
164टेढ़ी उँगली से घी निकालनाआसानी से काम न होनाउससे कोई काम करवा लेना टेढ़ी ऊँगली से घी निकालने जैसा ही है
165टेढ़ी खीर होनामुश्किल कामइसे सही रास्ते पर लाना टेढ़ी खीर है
166ठंढा करनाशांत करनापिताजी तो गुस्से से उबल रहे थे, बड़ी मुश्किल से मैंने उन्हें समझा बुझाकर ठंढा किया है
167ठंढा होनाशांत होना, मर जानाशाइस्ता खाँ शिवाजी की चोट खाकर थोडा छटपटाया फिर एकदम ठंढा हो गया
168ठकुर सुहाती करनामुँहदेखी करना, चापलूसी करनाअफसरों की ठकुर सुहाती करके सेठजी ने काफी धन कमा लिया
169ठनठन गोपाल होनानिर्धन होनावह तो इन दिनों खुद ही ठनठन गोपाल है, उससे चंदा पाने की आशा मत करो
170ठोकर खानानुकसान सहना, मारा मारा फिरनाक्या ऐसे ही ठोकर खाते फिरोगे या कुछ कमाने का भी उपाय करोगे ?
171डंक मारनाकटु वचन कहनाउसने अपनी कड़वी बातों का ऐसा डक मारा कि मैं मर्माहत होकर रह गया
172डंके की चोट पर कहनाखुल्लम खुल्ला कहनाबात सच्ची थी तभी तो डके की चोट पर कही गयी
173डूबते को तिनके का सहारा होनाअसहाय का कुछ भी सहारा होनाऐसी विकट परिस्थिति में तुम्हारी यह छोटी रकम भी डूबते को तिनके का सहारा होगी
174डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकानाअपनी तुच्छ राय अलग रखनायदि हम इसी प्रकार डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकाते रहे, तो हममें एकता कभी भी नहीं आयेगी
175ढाई दिन की बादशाहतक्षणिक सुखयह ढाई दिन की बादशाहत भी किस काम ‘ की, जबकि तकदीर में सारी जिंदगी दु:ख भोगना ही लिखा है
176ढाक के तीन पातसदा एक सा रहनायह आदमी तरक्की करनेवाला नहीं है, जब भी मैंने देखा, इसे वही ढाक के तीन पात पाया
177ढिंढोरा पीटनासबको सुनानाउसने हमारी बातें सुन ली हैं, अब पूरे गाँव में ढिंढोरा पीटता फिरेगा
178ढेर करनामार डालनाबलराम ने गदा की एक ही चोट से दुष्ट राक्षस को वहीं ढेर कर दिया |
179तकदीर चमकनाभले दिन आनाबेटे की नौकरी क्या मिली, राम बाबू की तकदीर चमक गयी
180तख्ता उलटनाबना बनाया काम बिगाड़नाइस व्यवसाय में मैंने अच्छा कमाया था, लेकिन गेहूँ का सौदा करके तुमने मेरा तख्ता उलट दिया
181तबीयत फड़क उठनाचित्त प्रसन्न हो जानापंकज उदास की गजल सुनकर मेरी तबीयत फड़क उठी
182तलवार के घाट उतारनाहत्या कर देनाउस वीर ने अत्याचारी को अपनी तलवार के घाट उतार दिया
183तलवे धो धोकर पीनांबहुत अधिक खुशामद करनावह सेठजी के तलवे धो धोकर पीता रहा, लेकिन बदले में उसे गालियाँ ही मिलीं
184ताक में रहनामौका देखते रहनातुम सावधान रहना, इन दिनों वह तुम्हारी ही ताक में रहता है
185ताना मारनाव्यंग्य करनामेरी गरीबी पर वह नीच हमेशा ताना मारा करता है
186तारे गिननाचिंता में रात काटनाआपके इंतजार में मैं सारी रात तारे गिनता रहा
187तारे तोड़ लानाअसंभव काम करनासाहसी व्यक्ति सहज ही तारे तोड लाते हैं
188तिनके का सहाराथोड़ा सा सहारामुझ जैसे गरीब को तो तिनके का सहारा भी बहुत होता है
189तिल का ताड़ कर देनाबहुत बढ़ा चढ़ाकर कहनाजितनी बात हुई उतनी ही कहो, तिल का ताड मत करो
190त्राहि त्राहि करनारक्षा के लिए गुहार करनाजमींदारों के अत्याचार से किसान त्राहि त्राहि कर रहे थे
191थुड़ी थुड़ी करनाधिक्कारनाउसके ऐसे नीच कर्म पर सभी थुड़ी थुड़ी कर रहे थे
192थू थू करनाधिक्कारनातुम्हारी नीचता की कहानी जो भी सुनेगा वही तुम पर थू थू करेगा
193थूककर चाटनावादा से मुकर जानातुम्हारे जैसे आदमी का क्या विश्वास? तुम तो थूककर चाटने लगते हो
194थूक से सत्तू साननाबहुत कंजूसी करनारामजीवन से चंदा पाने की उम्मीद मत रखो, वह हमेशा थूक से सत्तू सानता है
195थोथी बात होनासारहीन बात होनाये सब थोथी बातें हैं, इन पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा
196दबी जबान से कहनाधीरे धीरे कहनानौकर ने अपनी बात मालिक से दबी जबान से कह दी
197दम भरनाभरोसा करना, हर समय किसी की तारीफ करनावह तो हमेशा तुम्हारी दोस्ती का दम भरा करता था
198दर दर मारा फिरनादुर्दशाग्रस्त होकर घूमनायाद रखो, यदि यह नौकरी तुमने छोड़ दी, तो तुम्हें जिंदगी भर दर दर मारे फिरना होगा
199दलदल में फसनामुश्किल में पड़नामैं उस बदमाश की जमानत देकर दलदल में फंस गया
200दाँतों उँगली दबाना (दाँत तले उँगली दबाना)आश्चर्य करना, अफसोस करनाइस बच्चे की बातें सुनकर तो दाँतों उँगली दबाना पड़ता है

201दाँतकटी रोटी होनागहरी दोस्ती होनानरेश और मोहन में आजकल दाँतकटी रोटी जैसा सम्बन्ध है
202दाँत तोड़नापरास्त करनमुझसे ज्यादा उलझने की कोशिश करोगे तो मैं तुम्हारे दाँत तोड़ डालूँगा
203दाँतों में तिनका लेनाअधीनता स्वीकार करनावीर शिवाजी के वहाँ पहुँचते ही उस किले का रक्षक दाँतों में तिनका लेकर उनके सामने उपस्थित हुआ
204दाई से पेट छिपानाऐंसी जगह भेद छिपाना जहाँ ऐसा करना संभव नहीं होउसने अपना भेद मुझसे कह ही दिया, भला कब तक दाई से पेट छिपाता ?
205दाना पानी उठनाअन्न जल न मिलनाजब से बाबू साहब की मौत हुई है, बेचारे रघुआ का इस घर से दाना पानी उठ गया
206दाने दाने को मुँहताजभोजन न पाना, अत्यंत दरिद्रनौकरी से हटा दिये जाने पर तो मैं दाने दाने को मुँहताज हो जाऊँगा
207दाल गलनामतलब निकलनाचाहे तुम कुछ भी करो, यहाँ तुम्हारी दाल गलने वाली नहीं है
208दाल भात का कौर समझनाबहुत आसान समझनाइस काम को तुम, दाल भात का कौर मत समझ लेना
209दाल में काला होनासंदेह की बात होनातुम्हारे रंग ढंग से लगता है कि जरूर दाल में कुछ काला है
210दिन दूना रात चौगुना होना (या बढ़ना)खूब तरक्की करनाभाई, जब से तुमने गल्ले का व्यापार शुरू किया है, दिन दूना रात चौगुना होते जा रहे हो
211दिल के फफोले फोड़नामन की भडास निकालनासाहब बीबी से झगड़कर आये थे, घर में तो चली नहीं, मुझ पर ही बिगड़कर अपने दिल के फफोले फोड़ रहे थे
212दिल्ली दूर होनालक्ष्य दूर होनाअभी तो मैट्रिक की परीक्षा में ही उत्तीर्ण हुए हो और मजिस्ट्रप्टे बनने का सपना देख रहे हो, अभी दिल्ली दूर है
213दीन दुनिया भूल जानसुध बुध भूल जानासच्चे महात्मा ईश्वर की साधना में डूबकर दीन दुनिया भूल जाते हैं
214दीया लेकर ढूँढनाहैरान होकर ढूँढनाउसके जैसा ईमानदार नौकर तो दीया लेकर ढूँढने से भी नहीं मिलेगा
215दुनिया की हवा लगनासांसारिक अनुभव होनाजब से जुगल को दुनिया की हवा लगी है, वह मितव्ययी हो गया है
216दुम दबाकर भागनाकायरतापूर्वक भागनावह बहुत देर से शेखी बघार रहा था, लेकिन जैसे ही वहाँ मेरे आदमी पहुँचे, दुम दबाकर भाग गया
217दूज (ईद) का चाँद होनामुश्किल से दिखाई देनायार तुम्हें देखने को तरस गया, तुम तो दूज (ईद) के चाँद हो गये हो
218दूध का दूध पानी का पानी करनापक्षपातरहित न्याय करनामहाराज हरिश्चंद्र ऐसे न्यायी थे कि चाहे जैसा भी झगड़ा हो, क्षणभर में दूध का दूध पानी का पानी कर देते थे
219दूध की लाज रखनामाँ की प्रतिष्ठा रखनायुद्ध में जाते समय बेटे को आशीर्वाद देते हुए माँ ने कह, बेटा, लडाई में जीतकर मेरे दूध की लाज रखना
220दूध की नदियाँ बहानासंपन्नता की भरमार होनाप्राचीन भारत में दूध की नदियाँ बहती थी
221दूध के दाँत न टूटनाअनुभवहीन होनातुम तो कभी कभी ऐसी बातें करने लगते हो जिनसे लगता है कि अभी तक तुम्हारे दूध के दाँत न टूटे हों
222दूधो नहाओ, पूतों फलोधन और संतान की वृद्धि होनाबहू ने जैसे ही सास के पाँव छूए, उसने आशीर्वाद दिया दूधी नहाओं, पूतों फलो
223दो दिन का मेहमानशीघ्र ही मरनेवाला, या कहीं बाहर जानेवालाचाचाजी की बीमारी बहुत बढ़ गयी है, अब तो वे दो दिन के मेहमान हैं
224दो नावों पर पैर रखनादो विरोधी काम एकसाथ करनादो नावों पर पैर रखना सफलता से दूर भागना है
225द्रविड़ प्राणायाम करनासीधी बात को घुमा फिराकर कहनाजो कुछ कहना है सीधे सीधे कहो, द्राविड प्राणायाम मत करो
226धक्का लगनानुकसान होना, दु:ख होनापिछले साल जूट के व्यापार में लालाजी को गहरा धक्का लगा था
227धज्जियाँ उड़ानादुर्गति करना, दोष दिखानाशशि बाबू ने उस धोखेबाज की ऐसी धज्जियाँ उड़ायीं कि वह अपना सा मुँह लेकर रह गया
228धता बतानाटाल देनामैं सहायता की आशा लेकर नेताजी के पास गया था, परंतु उन्होंने तो मुझे धता बता दिया
229धरना देनासत्याग्रह करनाआँदोलनकारी कर्मचारी मंत्रीजी के कार्यालय के सामने धरना दे रहे हैं
230धुएँ के बादल उड़ानाभारी गप हाँकनाउसका विश्वास कभी मत करना, धुएँ के बादल उड़ाने में वह माहिर है
231धुन सवार होनाकिसी काम को पूरा करने की लगन होनाइन दिनों परमेश्वर बाबू पर पैसा कमाने की धुन सवार हो गयी है
232धूप में बाल सफेद करनाअनुभवहीन होनाअफसोस है कि तुम्हें इस उम्र में भी इन बातों की जानकारी नहीं है, तुमने क्या धूप में बाल सफेद किये हैं ?
233धूल फाँकनामारा मारा फिरनापढ़ाई लिखाई छोड़कर रवींद्र इधर उधर की धूल फाँका करता है
234धूल में मिलनाबर्बाद हो जानाअपने से ताकतवर के साथ टकरानेवाले धूल में मिल जाते हैं
235धोती ढीली होनाडर जानानये नये शिकारी का जैसे ही बाघ से सामना हुआ, उसकी धोती ढ़ीली हो गयी
236धोबी का कुत्ताबेकार आदमीउसकी बात मत पूछो, वह तो धोबी का कुत्ता है, किसी काम का नहीं
237नजर पर चढ़नापसंद आ जानालगता है तुम्हारा छाता चोर की नजर पर चढ़ गया था
238नमक मिर्च लगानाकिसी बात को खूब बढ़ा चढ़ाकर कहनाउसने खूब नमक मिर्च लगाकर मेरी शिकायत पिताजी से की है
239नाक कट जानाप्रतिष्ठा नष्ट होनातुम्हारी चोरी की इस करतूत से परिवार की नाक कट गयी
240नाक का बाल होनाबहुत प्रिय होनाअपनी चतुराई के कारण ही बीरबल अकबर की नाक के बाल हो गये थे
241नाकों चने चबवा देनाखूब परेशान करनावीर शिवाजी ने छापामार युद्ध करके औरंगजेब को नाकों चने चबवा दिये थे
242नाक भौं चढ़ानानाराज होना, घृणा प्रकट करनागंदगी को देखकर सभी नाक भौं चढ़ाने लगते हैं
243नाक में दम करनाखूब तंग करनाअपनी शैतानियों से तो इसने मेरी नाक में दम कर दिया है
244नाक रगड़नागिड़गिड़ाना, विनती करनातुम लाख नाक रगड़ो, लेकिन इस बार मैं तुम्हें माफ नहीं करूंगा
245नानी याद आनाहोश उड़ जाना, हौसला पस्त होनापुलिस को देखते ही चोरों को नानी याद आ गयी
246नीचा दिखानाअपमानित करनाआज उसने सबके सामने ही मुझे नीचा दिखाया है
247नीला पीला होनाक्रोध करनाछोटी छोटी बातों के लिए बच्चों पर नीला पीला मत हुआ करो
248नौ दो ग्यारह होनाभाग जानावह बदमाश मेरी गठरी लेकर नौ दो ग्यारह हो गया
249पंचतत्व को प्राप्त करनामृत्य होना30 जनवरी, 1948 ई० को गाँधीजी ने पंचतत्व को प्राप्त किया था
250पगड़ी उछालनाबेइज्जत करना, हँसी उड़ानातुमने कल सबके सामने मेरी पगडी उछाली है, इसका बदला मैं तुमसे जरूर लूँगा
251पगड़ी रखनामर्यादा की रक्षा करनाभाई ऐसी हालत में तुम्हीं मेरी पगड़ी रख सकते हो, नहीं तो मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहूँगा
252पत्थर की लकीरअमिट, स्थायीमेरी बात को पत्थर की लकीर समझो
253पत्थर पर दूब जमनाअनहोनी बात या असंभव काम होनाउस कजूस ने जब चंदा में एक सौ एक रुपये दे दिये तो लगा कि जैसे पत्थर पर दूब जम आयी है
254पत्थर से सिर फोड़नाअसंभव बात के लिए कोशिश करनाउस मूख को समझाने की कोशिश करके क्यों पत्थर से सिर फोड़ रहे हो ?
255पहाड़ से टक्कर लेनाजबर्दस्त से मुकाबला करनाकाले खाँ पहलवान से भिड़ना पहाड़ से टक्कर लेना है
256पाँव उखड़ जानाहार जानाहमारे जवानों की ललकार सुनते ही पाकिस्तानी घुसपैठियों के पाँव उखड़ गये
257पाँव फूंक फूंक कर रखनासोच समझकर काम करनाजवानी अंधी हाती है, अत: इस अवस्था में पाँव फूंक फूंक कर रखना चाहिए
258पजामे से बाहर होनाकुद्ध होना, जोश में आनानौकर ने चाय लाने में जरा देर क्या कर दी साहब पाजामें से बाहर हो गये
259पानी की तरह पैसा बहानाअंधाधुंध खर्च करनामुफ्त की दौलत मिल गयी है तभी तो वह पानी की तरह पैसा बहा रहा है
260पानी पानी होनालज्जित होनाशराब पीते हुए अचानक अपने पिता द्वारा देख लिये जाने पर बेचारा दामोदर पानी पानी हो गया
261पानी में आग लगानाअसंभव को संभव करनाउन दोनों की पक्की दोस्ती में फूट डालकर तुमने पानी में आग लगा दी है
262पिल पड़नाजी जान से लग जानापरीक्षा में प्रथम स्थान पाने के लिए सौमित्र अपने अध्ययन में पिल पड़ा है
263पीठ ठोंकनाशाबाशी देना, बढ़ावा देनापरीक्षा में प्रथम आने पर पिताजी ने मेरी पीठ ठोंकी
264पीठ दिखानालड़ाई में भाग जानाथोड़ी देर की लड़ाई के बाद शत्रु ने पीठ दिखा दी
265पेट में चूहे दौड़नाजोरों की भूख लगनामाँ, जल्दी से कुछ खाने को दो, पेट में चूहे दौड़ रहे हैं
266पौ बारह होनालाभ का अवसर मिलनाइस वर्ष सब्जियों के दाम में तेजी आने के करण किसानों के पौ बारह हैं
267प्राण मुँह को आनाअत्यधिक कष्ट होनाजंगल में अचानक शेर की दहाड सुनते ही मेरे प्राण मुँह को आ गले
268प्राणों से हाथ धोनामर जानायदि मुझसे दुश्मनी करोगे तो प्राणों से हाथ धोना पडेगा
269प्राण हथेली में लेनामरने के लिए तैयार रहनाबहादुर हर समय प्राण हथेली में लिये फिरते हैं
270प्राणों की बाजी लगानाअत्यधिक साहस करनाभारत के प्रहरी सैनिक देश रक्षा में प्राणों की बाजी लगा देते हैं
271पोल खोलनारहस्य प्रकट करनाआखिर एक दिन उनके नौकर ने ही यह पोल खोल दी कि नेताजी के पास इतना पैसा कहाँ से आता है
272फंदे में पड़नाधोखे में पड़नातुम लाख प्रलोभन दो, लेकिन अत मैं तुम्हारे फदे में नहीं पड़नेवाला
273फटेहाल होनाबुरी हालत में होनानौकरी छूट जाने के कारण इन दिनों वह फटे हाल हो गया है
274फूंक से पहाड़ उड़ानाथोडी शक्ति से बड़ा काम करनाअमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को चुनौती देकर इराक फुक से पहाड़ उड़ाना चाहता है
275फूटी आँखों न भानाअप्रिय लगनातुम्हारी हर समय उधार माँगने की आदत मुझे फूटी आँखों भी नहीं भाती है
276फूलकर कुप्पा होनाखुशी से इतरानाजब शिक्षक ने चंदन की प्रशंसा की तो वह फूलकर कुप्पा हो गया
277फेर में डालनाकठिनाई में डालनाउसने चुनाव में खड़ा करके मुझे बड़े फेर में डाल दिया है
278बगलें झाँकनालज्जित होकर इधर उधर देखनापिता जी से रंगे हाथो चोरी करते पकडे जाने पर वह बगले झाकने लगा
279बट्टा लगानाकलंक लगानाअपना वचन तोड़कर तुमने क्षत्रियों के नाम पर बट्टा लगा दिया
280बरस पड़नाक्रोध में आकर खरी खोटी सुनानाबच्चों की छोटी छोटी भूल पर भी बरस पड़ना बुरी बात है
281बाग बाग होनाबहुत खुश होना‘तीसरी कसम’ फिल्म में राजकपूर का अभिनय देखकर तबीयत बाग बाग हो गयी
282बाजी ले जानाआगे निकल जानाकल के फुटबॉल मैच में अपने कॉलेज की टीम बाजी ले गयी
283बात चलानाशुरू करनाइन दिनों मेरी बहन की शादी की बात चलायी जा रही है
284बातों में आनाबात व्यवहार में धोखा खानान जाने उस समय मेरी बुद्धि को क्या हो गया था जो मैं उसकी बातों में आ गया
285बाल बाँका न होनाकुछ भी हानि न पहुँचनातुम्हारे आशीवाद से इस लड़ाई में मेरा बाल बाँका न होगा
286बाल की खाल निकालनानिरर्थक बहस करनाहर बात में बाल की खाल निकालने की तुम्हारी तो आदत ही है
287बासी कढ़ी में उबाल आनाबुढ़ापे में जवानी की उमंग उठना, समय बीत जाने पर कुछ करने की इच्छा होनाबूढ़े चट्टोपाध्याय महोदय का इस तरह से बनना सँवरना देखकर यही लगता है कि बासी कढ़ी में उबाल आ गया है
288बीड़ा उठानाकिसी काम को पूरा करने का संकल्प करनाभगवान राम ने सुग्रीव की रक्षा का बीड़ा उठाया था
289बुखार उतारनाक्रोध करनाबहुत मनमानी करने लगे हो, ऐसी मार मारूंगी कि बुखार उतार दूंगी
290बेड़ा पार लगानाकष्ट से उबारनाभगवान सबका बेड़ा पार लगाते हैं
291बे सिर पैर की बात कहनानिरर्थक बात कहताकुछ सोच समझकर बोला करो, बे सिर पैर की बात कहने से क्या फायदा ?
292बेवक्त की शहनाई बजानाअवसर के विरुद्ध काम करनापूजा के अवसर पर फिल्मी गीत सुनाकर कुछ लोग बेवक्त की शहनाई बजाते हैं
293बोलती बंद करनानिरुतर करना, बोलने न देनासबके सामने पोल खोलकर शरत ने उसकी बोलती बंद कर दी
294बौछार करनाअधिक मात्रा में उपस्थित करनापुलिस ने भीड़ पर गोलियों की बौछार कर दी
295भंडा फूटनाभेद खुलना –एक न एक दिन तुम्हारे कुकर्मों का भंडा फूटेगा और तब लोग तुम पर थूकेंगे
296भानुमती का पिटारावह पात्र, जिसमें तरह तरह की चीजें मौजूद रहती हैंदादी के पास तो मानो भानुमती का पिटारा है, उनकी दवा पीते ही मुन्ना उछलने कूदने लगा
297भार उठानाउत्तरदायित्व लेनाइतने बड़े अनुष्ठान का भार उठाना एक अकेले के बस का नहीं है
298भार उतारनाऋण से मुक्त होनाभतीजी की शादी होते ही मेरे सिर से एक भार उतर जायगा
299भूत सवार होनासनक सवार होनाक्या तुम पर भूत सवार हो गया है, जो बच्ची को इस तरह पीट रहे हो ?
300भौंह चढ़ानाक्रोध करनावह स्वभाव से ही क्रोधी है, छोटी छोटी बातों पर भी भौंह चढ़ा लेगा

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