ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से 4 जून को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) सूत्रों ने कहा कि मिसाइल के पोत रोधी संस्करण को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से प्रक्षेपित किया गया।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता सटीक है।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता सटीक है।
ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और हवा से छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर के करीब है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के फेडरल स्टेट युनिटरी एंटरप्राइज एनपीओ मशिनोस्ट्रोयेनिया (एनपीओएम) के बीच ब्रह्मोस एयरोस्पेस का एक संयुक्त उद्यम है।
आईएएफ ने सुखोई-30 से ब्रह्मोस का दूसरा परीक्षण किया
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने बीते 22 मई को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर-लांच संस्करण का दूसरा परीक्षण किया था। इस मिसाइल को सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से दागा गया था।
भारतीय नौसेना के पोत ने एक समुद्री लक्ष्य पर दागी गई मिसाइल पर नजर रखा। सुखोई-30 से ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 22 नवंबर, 2017 को किया गया था। आईएएफ ने सॉफ्टवेयर बदलाव किया, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल बदलाव किए। ब्रह्मोस का एयर-लांच संस्करण एक 2.5 टन कर क्रूज मिसाइल है, जो 300 किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती है।