नरेंद्र मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। इतना ही नहीं इस बार मोदी सरकार ने अजित डोभाल को केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दिया है।
उनकी यह नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी। बता दें कि अजीत डोभाल पीएम मोदी की पिछली सरकार में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को कुछ महीने पहले ही 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें उनके पिता और अन्य लोगों के विरोधियों से खतरा है। अजीत डोभाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। अजीत डोभाल को करीब चार साल पहले इस सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था।
गौरतलब है कि डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ कई बड़े आरोपियों के प्रत्यर्पण में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। बताया जाता है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदेबाजी मामले के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को अगर भारत लाया जा सका था तो इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनकी टीम की मेहनत थी।
मिशेल को भारत लेकर आना एक मुश्किल भरा काम था। इसकी एक मुख्य वजह थी कि मिशले का ब्रिटेन का नागरिक होना। ऐसे में उनका किसी दूसरे देश से प्रत्यर्पण कराना भारत के लिए एक चुनौती की तरह था।
बता दें कि ऐसा माना जाता है कि 2016 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे भी अजीत डोभाल की ही योजना थी।