NBFC के लिए मुख्य जोखिम अधिकारी अनिवार्य

रिजर्व बैंक ने बड़ी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) से उपयुक्त योग्यता के साथ एक मुख्य जोखिम अधिकारी (सीआरओ) की नियुक्ति करने को कहा है।

केन्द्रीय बैंक ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति आकार वाली एनबीएफसी से कहा है कि वह निदेशक मंडल की मंजूरी के साथ निर्धारित कार्यकाल के साथ एक मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति करें।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है कि ऋण उपलब्धता के मामले में एनबीएफसी कंपनियों की बढ़ती भूमिका को देखते हुए जोखिम प्रबंधन व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि सीआरओ एनबीएफसी में एक वरिष्ठ अधिकारी होना चाहिए और उसका अनुभव, योग्यता एवं पात्रता पर्याप्त होनी चाहिए।
जाने एनबीएफसी क्या होता है?
एनबीएफसी यानी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होतीं है और केंद्रिय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित होतीं है। ये संस्थाएं बैंक नहीं हैं लेकिन बैंकों की तरह वे उधार, ऋण और अग्रिम, क्रेडिट सुविधा, बचत और निवेश उत्पादों, मुद्रा बाजार में व्यापार, स्टॉक के पोर्टफोलियो का प्रबंधन, धन हस्तांतरण आदि जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकतीं हैं ।
यह किराया खरीद, पट्टे, बुनियादी वित्त, उद्यम पूंजी वित्त, आवास वित्त इत्यादि की गतिविधियों में शामिल हो सकतीं है। एनबीएफसी जमा स्वीकार करतीं है, लेकिन केवल सावधि जमा।

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