सरकार सभी दुकानों पर QR-कोड आधारित पेमेंट को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है, जिससे यूपीआई के माध्यम से पेमेंट किया जा सके।
इससे ग्राहकों को जीएसटी में भी फायदा मिल सकता है। इससे डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।
चुनाव से पहले ही जीएसटी काउंसिल ने इस कदम को आगे बढ़ाने की मंजूरी दी है और अब नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ बात चल रही है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू किया जा सके।'
यह आइडिया बीटुसी ट्रांजैक्शन के लिए है जिससे कि लोगों के व्यवहार में भी बदलाव लाया जा सके। यह सीमित कीमत के लिए प्रयोग किया जाएगा। लेकिन बाद में इसे बड़े ट्रांजैक्शन के लिए भी लागू किया जा सकता है।
कई महीने से केंद्र और राज्य सरकार योजना बना रही थी कि डिजिटल पेमेंट को कैसे बढ़ाया जाए। इससे जीएसटी के भुगतान को भी आसान बनाया जा सकता है।
जीएसटी काउंसिल एक पायलट प्रॉजेक्ट चलाना चाहता था लेकिन पश्चिम बंगाल इसके पक्ष में नहीं था। उसका तर्क था कि यह ग्रामीण जनता के हितों के खिलाफ है। अब वित्त मंत्रालय इस पर काम कर रहा है।
QR कोड पहली बार 1994 में जापान में मोटर वाहन उद्योग के लिए डिज़ाइन किया गया था। एक बारकोड एक मशीनरी लेबल होता है, जिसमें उस वस्तु के बारे में जानकारी होती है जिससे वह जुड़ा होता है।