'वरुण' अभ्यास में भारत और फ्रांस की ताकत का दिखेगा नजारा

वरुण नौसेना अभ्यास
भारत और फ्रांस के बीच अब तक का सबसे बड़ा नौसेना अभ्यास जल्द शुरू होने वाला है। इस सैन्य अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर, विनाशक, पनडुब्बी आदि भी बेड़े में शामिल होंगे।

'वरुण' अभ्यास में भारत और फ्रांस की ताकत का दिखेगा नजारा
दोनों देश अपने एयरक्राफ्ट कैरियर का इस्तेमाल करेंगे। वरुण अभ्यास के तहत गोवा और करवर में 1 मई से संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होगा।
भारत की तरफ से आईएनएस विक्रमादित्य और मिग-29k फाइटर के साथ एफएनएश चार्ल डि गुएल के साथ राफेल-एम नौसेना जेट और दूसरे युद्धक उपकरणों का प्रयोग अभ्यास के दौरान किया जाएगा।
फ्रांस के साथ रणनीतिक साझीदारी बढ़ा रहा चीन
फ्रांस और अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के पीछे भारत की चीन को साधने की भी योजना है। फ्रांस का एक नौसेना स्टेशन यूएई के अबु धाबी में भी है। इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में भी अपना नौसेना स्टेशन स्थापित किया है। अमेरिका और फ्रांस के साथ भारत की रणनीतिक साझीदारी के कूटनीतिक लक्ष्य भी हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए भारत अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। इस क्षेत्र में चीन अपनी ताकत बढ़ाने पर जोर दे रहा है और दिबयोती में अपना पहला सैन्य बेड़ा अगस्त 2017 में स्थापित किया।
दोनों देश अपने मिग -29 K और राफेल-एम नौसैनिक लड़ाकू जेट विमानों के साथ अपने विमान वाहक आईएनएस विक्रमादित्य और एफएनएस चार्ल्स डी गॉल तैनात करेंगे।
आईएनएस विक्रमादित्य एक संशोधित कीव-श्रेणी का विमान वाहक है जो 2013 में भारतीय नौसेना के साथ सेवा में प्रवेश किया था। चार्ल्स डी गॉल फ्रेंच नेवी का प्रमुख है।
वरुण नौसेना अभ्यास
भारत और फ्रांस के नौसेना के बीच संयुक्त समुद्री अभ्यास का आयोजन मई 1993 से किया जा रहा है। वर्ष 2001 में इसे वरुणा नाम दिया गया था।

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