लोकसभा ने 27 दिसंबर को तीन तालाक बिल-2018 पारित कर दिया, जिसके अंतर्गत तत्काल तीन तलाक या तलाक-ए-इबादत को दंडनीय अपराध ठहराया गया है।
अब इसे राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद ही यह कानून बन पाएगा। इसके अंतर्गत जुर्माने के साथ
तीन वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान है।
सदन में मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 सदस्यों ने इसका खिलाफ अपना वोट दिया।
कांग्रेस और एआईएडीएमके ने इस बिल के विरोध में वॉकआउट कर दिया और वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
ये कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा।